Coronavirus Lockdown: देश में जारी कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने सभी मकान मालिकों को अगले एक महीने तक कामगारों से किराया नहीं लेने के निर्देश दिए हैं. लॉकडाउन की घोषणा के बाद रोज कमाने-खाने वाले कामगार अपने घर को लौटने लगे हैं. केंद्र सरकार ने राज्यों को यह भी निर्देश भी दिया है कि वह उन्हें भोजन और रहने के जगह की व्यवस्था करे. राज्यों को तीन सप्ताह के लॉकडाउन को लागू करने का आदेश देते हुए केंद्र सरकार ने रविवार को कहा कि जो कामगार अपने गृहनगर के लिए रवाना हो गए हैं, उन्हें उनके गांव के पास ही कम से कम 14 दिन के लिए आइसोलेशन में रखकर निगरानी की जाए.
इसके साथ ही सभी राज्यों को इस बात का भी निर्देश दिया गया है कि मजदूरों को उनकी मेहनत का पैसा समय से मिलता रहे और इसमें कोई कटौती नहीं होने पाए. किसी भी मजदूर इस समय घर का किराया न मांगा जाए. जो लोग छात्रों और मजदूरों से कमरा या घर खाली करने के लिए कहते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो. आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जारी आदेश में कहा गया है कि नियोक्ता बिना किसी कटौती के नियत तारीखों पर अपने श्रमिकों के वेतन का भुगतान करेंगे.
आदेश में कहा गया कि मकान मालिक गरीब मजदूरों और प्रवासी कामगारों से एक एक महीने किराया नहीं मांगेंगे. जो मकान मालिक इसकी अवहेलना करता है और इनलोगों को घर से जाने के लिए कहता है उन्हें कार्रवाई का सामना करना पडे़गा. इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कामगारों से मकान मालिक घर खाली करने को न कहें.
बता दें कि 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान होते ही बड़ी संख्या में कामगार, मजदूर अपने घरों की ओर पलायन करने लगे हैं. हालांकि सरकार की ओर से बार-बार अपील की जा रही है कि उनके लिए पूरा इंतजाम किया जाएगा. लेकिन मजदूरों का कहना है कि जो भी समस्या होगी परिवार के साथ झेला जाएगा. हालात ये हो गए हैं कि जयपुर, दिल्ली एनसीआर से बड़ी संख्या में कामगार और मजदूर पैदल ही अपनों घरों की ओर जा रहे हैं.
बता दें कि देश में कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों की संख्या 1000 के पार पहुंच चुकी है, वहीं, 27 लोगों की अबतक मौत हो चुकी है. पूरी दुनिया में इससे 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 7 लाख लोग इससे संक्रमित हैं.
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