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This Article is From Apr 01, 2020

Coronavirus: देश में फाइनेंशियल इमरजेंसी लगाने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाली

याचिका में संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत वित्तीय आपातकाल की घोषणा के लिए निर्देश की मांग की गई है

Coronavirus: देश में फाइनेंशियल इमरजेंसी लगाने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाली
सुप्रीम कोर्ट.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
सेंटर फॉर एकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टमिक चेंज ने याचिका दायर की
कहा- देश में कानून के शासन को बनाए रखने की आवश्यकता
तालाबंदी के कारण लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा
नई दिल्ली:

Coronavirus: कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रसार को रोकने के लिए देश में फाइनेंशियल इमरजेंसी लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सुनवाई टाल दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पर सुनवाई का अभी सही समय नहीं है लिहाजा बाद में सुनवाई करेंगे. याचिका में संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत वित्तीय आपातकाल की घोषणा के लिए निर्देश की मांग की गई है. 

सेंटर फॉर एकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टमिक चेंज (CASC) की ओर से यह याचिका दायर की गई है. याचिका में देश में हालात के मद्देनजर वित्तीय आपातकाल लगाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि राज्यों और स्थानीय अधिकारियों द्वारा मनमानी कार्रवाई की जा रही है. देश में कानून के शासन को बनाए रखने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए फाइनेंशियल इमरजेंसी लगाई जानी चाहिए. 

याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के कारण लोगों के कई मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है. इनमें स्वतंत्र रूप से आने-जाने का अधिकार शामिल है. न्यायालयों के लॉकडाउन और बंद होने के कारण, न्याय का मौलिक अधिकार भी बाधित हो रहा है. इसलिए वित्तीय आपातकाल  की घोषणा की आवश्यकता है और इस महामारी को 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम को लागू करने से ही नहीं रोका जा सकता है.

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