विज्ञापन
Story ProgressBack

इंदौर में मतदान के दौरान ‘नोटा’ के प्रचार को लेकर विवाद, कांग्रेस और भाजपा ने लगाए आरोप

उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद ‘नोटा’ के बटन को सितंबर 2013 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में शामिल किया गया था. इसे दलों की ओर से दागी उम्मीदवारों को मैदान में उतारने से हतोत्साहित करने के लिए मतदान के विकल्पों में जोड़ा गया था.

Read Time: 3 mins
इंदौर में मतदान के दौरान ‘नोटा’ के प्रचार को लेकर विवाद, कांग्रेस और भाजपा ने लगाए आरोप
नंदा नगर के एक मतदान केंद्र के बाहर कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता कथित तौर पर ‘नोटा’ को लेकर आपस में झगड़ने लगे.
इंदौर (मध्य प्रदेश):

इंदौर लोकसभा क्षेत्र में सोमवार को मतदान के दौरान ‘नोटा' को लेकर अलग-अलग विवाद सामने आए. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शह पर ‘नोटा' के विकल्प के प्रचार से रोका गया. भाजपा ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि अपनी नाकामी से इंदौर में प्रत्याशीविहीन हुई कांग्रेस अनर्गल बातें कर रही है.

कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया और वह इसके तुरंत बाद भाजपा में शामिल हो गए थे. नतीजतन इस सीट के 72 साल के इतिहास में कांग्रेस पहली बार चुनावी दौड़ में नहीं है. इसके बाद कांग्रेस ने स्थानीय मतदाताओं से अपील की कि वे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर ‘नोटा' (उपरोक्त में से कोई नहीं) का बटन दबाकर भाजपा को सबक सिखाएं.

शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा ने संवाददाताओं से कहा,‘‘जब हमने स्थानीय प्रशासन से मांग की कि हमें होर्डिंग और एफएम रेडियो पर नोटा के प्रचार की अनुमति दी जाए, तो कहा गया कि हम इस मंजूरी के लिए भोपाल स्थित राज्य निर्वाचन आयोग का रुख करें.'' उन्होंने कहा कि भाजपा की एक महिला पार्षद ने ‘नोटा' के पक्ष में ऑटो रिक्शा पर लगा पोस्टर हाल ही में सरेआम हटा दिया और इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो चुका है.

चड्ढा ने कहा कि कांग्रेस ने शुक्रवार को मतदान के दौरान तीन मतदान केंद्रों के पास ‘‘नोटा'' के प्रचार के लिए अपनी मेज लगाई, तो इन्हें भी भाजपा की कथित शह पर हटवा दिया गया. उन्होंने कहा,‘‘जब मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर नोटा का विकल्प दिया गया है, तो हमें इसके प्रचार से क्यों रोका गया. हम राज्य निर्वाचन आयोग में इस बारे में शिकायत करेंगे और वहां न्याय नहीं मिला, तो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.''

उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद ‘नोटा' के बटन को सितंबर 2013 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में शामिल किया गया था. इसे दलों की ओर से दागी उम्मीदवारों को मैदान में उतारने से हतोत्साहित करने के लिए मतदान के विकल्पों में जोड़ा गया था. प्रदेश भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा,‘‘क्या कांग्रेस नेताओं को इतनी अक्ल नहीं है कि अभी आदर्श आचार संहिता लागू है और चुनाव प्रचार की अनुमति निर्वाचन आयोग देता है. इससे भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है.'' उन्होंने कहा कि अपनी नाकामी के कारण इंदौर की चुनावी दौड़ से बाहर कांग्रेस अनर्गल बातें कर रही है.

इस बीच, स्थानीय भाजपा विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ धार रोड क्षेत्र के रामकृष्ण बाग के एक मतदान केंद्र में पहुंचीं. उन्होंने एक महिला पीठासीन अधिकारी पर आरोप लगाया कि वह मतदाताओं से 'नोटा'' का बटन दबाने को बोल रही हैं. घटनाक्रम का एक वीडियो भी सामने आया जिसमें गौड़ एक व्यक्ति को फोन करके कह रही हैं कि इस महिला अधिकारी को मतदान केंद्र से हटाया जाए, जबकि संबंधित अधिकारी भाजपा विधायक के आरोप को खारिज कर रही है. शहर के एक अन्य वाकये में नंदा नगर के एक मतदान केंद्र के बाहर कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता कथित तौर पर ‘नोटा' को लेकर आपस में झगड़ने लगे और पुलिस ने बीच-बचाव कर उन्हें शांत किया.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
एंटी पेपर लीक कानून हुआ लागू, 10 साल की कैद और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान
इंदौर में मतदान के दौरान ‘नोटा’ के प्रचार को लेकर विवाद, कांग्रेस और भाजपा ने लगाए आरोप
मुलाकात हुई क्या बात हुई? BJP सांसद से उनके घर पर जाकर मिलीं सीएम ममता बनर्जी
Next Article
मुलाकात हुई क्या बात हुई? BJP सांसद से उनके घर पर जाकर मिलीं सीएम ममता बनर्जी
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;