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कांग्रेस के लोकसभा सांसदों को राहुल गांधी कल संबोधित करेंगे

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर केरल, गुजरात और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में अपतटीय खनन की अनुमति देने वाली निविदाओं को रद्द किए जाने की मांग की है.

कांग्रेस के लोकसभा सांसदों को राहुल गांधी कल संबोधित करेंगे
नई दिल्ली:

कांग्रेस के लोकसभा सांसदों को विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी बुधवार सुबह संसद के एनेक्सी में संबोधित करेंगे. 29 मार्च को, एलओपी राहुल गांधी ने केरल, गुजरात और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तटों पर अपतटीय खनन की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया था. राहुल गांधी ने इसे समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और तटीय समुदायों की आजीविका के लिए खतरा करार दिया है.

राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर केरल, गुजरात और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में अपतटीय खनन की अनुमति देने वाली निविदाओं को रद्द किए जाने की मांग की है. कांग्रेस नेता ने समुद्री जीवन के लिए खतरे की ओर इशारा करते हुए कहा कि प्रभाव का कोई आकलन किए बिना अपतटीय खनन ब्लॉक को निजी कंपनियों के लिए खोलना चिंताजनक है.

राहुल गांधी ने पत्र में पीएम मोदी को क्या लिखा

उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मैं केरल, गुजरात और अंडमान एवं निकोबार में अपतटीय खनन की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले की कड़ी निंदा करने के लिए आपको यह पत्र लिख रहा हूं.'' राहुल गांधी ने 25 मार्च को लिखे अपने पत्र में प्रधानमंत्री से कहा कि तटीय समुदाय उस तरीके का विरोध कर रहे हैं जिसमें पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन किए बिना अपतटीय खनन के लिए निविदाएं जारी की गई हैं. यह पत्र उन्होंने रविवार को साझा किया.

मछुआरों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर गंभीर चिंता 

उन्होंने कहा कि लाखों मछुआरों ने अपनी आजीविका और जीवन शैली पर पड़ने वाले इसके प्रभाव को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है. राहुल गांधी ने अपने ‘व्हाट्सऐप' चैनल पर कहा, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर केरल, गुजरात और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में स्थानीय हितधारकों से परामर्श किए बिना या पर्यावरण संबंधी अध्ययन किए बिना अपतटीय खनन के लिए दी गई अनुमति की निंदा की है.''

लाखों मछुआरों की आजीविका को प्रभावित

उन्होंने कहा, ‘‘अपतटीय खनन लाखों मछुआरों की आजीविका को प्रभावित करेगा और हमारे विविध समुद्री जीवन को अपूरणीय क्षति पहुंचाएगा. सरकार को इस निर्णय को तुरंत वापस लेना चाहिए.'' कांग्रेस नेता ने कहा कि अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 पर कड़ी आपत्ति जताई गई है. उन्होंने कहा कि इसके प्रभाव का उचित आकलन किए बिना निजी कंपनियों के लिए अपतटीय खनन ब्लॉक खोलना चिंताजनक है.

अध्ययन समुद्री जीवन के लिए खतरा

कांग्रेस नेता ने कहा कि अध्ययन समुद्री जीवन के लिए खतरा, प्रवाल भित्तियों को नुकसान और मछलियों की संख्या की कमी समेत इसके प्रतिकूल प्रभावों की ओर इशारा करते हैं. उन्होंने कहा कि इस पृष्ठभूमि में, खान मंत्रालय द्वारा 13 अपतटीय ब्लॉक के लाइसेंस देने के लिए निविदाएं आमंत्रित किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. राहुल गांधी ने कहा कि इन 13 ब्लॉक में से मछली प्रजनन के लिए अहम स्थान कोल्लम के तट पर रेत उत्खनन के लिए तीन ब्लॉक और समुद्री जैव विविधता के केंद्र ग्रेट निकोबार द्वीप समूह के तट पर ‘पॉलीमेटेलिक नॉड्यूल' के लिए तीन ब्लॉक शामिल हैं.

उन्होंने दावा किया कि हितधारकों के साथ परामर्श के बिना या तटीय समुदायों पर इसके दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक प्रभाव का आकलन किए बिना निविदाएं जारी की गईं. राहुल गांधी ने दावा किया कि केरल विश्वविद्यालय के जलीय जीव विज्ञान एवं मत्स्य विभाग की समुद्री निगरानी प्रयोगशाला (एमएमएल) के सर्वेक्षण में पाया गया कि अपतटीय खनन से विशेष रूप से कोल्लम में मछली प्रजनन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है.

उन्होंने कहा कि केरल में 11 लाख से अधिक लोग मछली पकड़ने के व्यवसाय पर निर्भर हैं, यह उनका पारंपरिक व्यवसाय है और यह उनकी जीवनशैली से बहुत करीब से जुड़ा हुआ है. ‘ग्रेट निकोबार' को विविध पारिस्थितिकी प्रणालियों के लिए वैश्विक स्तर पर जाना जाता है और यह वन्यजीवों की कई स्थानीय प्रजातियों का आवास है.

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