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This Article is From Aug 18, 2019

सिंगरौली ऐश डैम मामले में कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट, हादसे के लिए एस्सार कंपनी को ठहराया जिम्मेदार

पिछले सप्ताह जहरीली राख के रिसाव के बाद पावर प्लांट के चारों ओर करीब 450 किसानों की 198 एकड़ में फसल को नुकसान हुआ था.

ऐश डैम टूटने से करीब 198 एकड़ में फसल को नुकसान हुआ था.

Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
रिपोर्ट में हादसे के लिए एस्सार कंपनी को ठहराया गया जिम्मेदार
450 किसानों की 198 एकड़ में फसल हुई है बर्बाद
मध्य प्रदेश सरकार ने की है मुआवजे की घोषणा

मध्यप्रदेश के सिंगरौली में एस्सार पावर प्लांट में राख के कृत्रिम तालाब टूटने के मामले की जांच के लिये ज़िला प्रशासन द्वारा बनाई गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. कमेटी के मुताबिक इस हादसे के लिये कंपनी की लापरवाही ज़िम्मेदार है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐश डैम के टूटने की मुख्य वजह उसका मेड़ निर्धारित मानक के अनुरूप तैयार नहीं किया जाना था.  मेड़ निर्माण में केवल मिट्टी और राख का उपयोग किया गया. इसमें बोल्डर और छोटी कंक्रीट से पिचिंग नहीं की गई.  साथ ही ऐश डाइक के मरम्मत की कोई व्यवस्था नहीं थी. 

रिपोर्ट में इस घटना के लिये एस्सार पूरी तरह से ज़िम्मेदार ठहराया गया है क्योंकि संयंत्र के नियमित संचालन की वजह से डैम में राख का भराव होता है लेकिन मेड़ की मरम्मत नहीं होने और बांध के अंदर मलबा नहीं हटाने की वजह से ये हादसा हुआ. यही नहीं रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि तेज़ बारिश में बांध के अंदर मलबे के बहाव से पानी दूषित हो सकता है जिससे जनधन हानि होने और बीमारी फैलने की आशंका है.

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इस मामले में एस्सार के प्रवक्ता ने एनडीटीवी को बताया कि कंपनी ने अभी तक पूरी रिपोर्ट का अध्ययन नहीं किया है. उन्होंने लेकिन कंपनी के सभी नियमों कानूनों और विनियमों के अनुपालन के बेदाग रिकॉर्ड के बारे में बात करते हुए दुहराया कि कंपनी ने इलाके में सफाई का काम भी शुरू कर दिया है.  

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(एस्सार ऐश डैम से निकली राख में सने बच्चे)

मालूम हो पिछले सप्ताह जहरीली राख के रिसाव के बाद पावर प्लांट के चारों ओर करीब 450 किसानों की 198 एकड़ में फसल को नुकसान हुआ था.  एस्सार पावर एमपी लिमिटेड  ने अपने शुरुआती बयान में यह आरोप लगाया था कि यह तोड़फोड़ का मामला है. इस मामले में पहले कंपनी ने कलेक्टर के निर्देश पर 50 लाख रुपए की राशि जमा कर दी थी लेकिन एनडीटीवी पर 450 किसानों के लिये 50 लाख रूपये के हर्जाने की खबर पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुआवज़े की समीक्षा के आदेश दिये थे. बहरहाल पर्यावरण क्षति की दृष्टि से भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से भी नुकसान का सर्वे किया जा रहा है. 

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गौरतलब है कि सिंगरौली में 10 कोयला आधारित पॉवर प्लान्ट हैं, जिनकी कुल क्षमता देश के किसी भी इलाके में सबसे ज़्यादा 21,000 मेगावॉट है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, इन्हीं पॉवर प्लान्टों ने सिंगरौली को गाज़ियाबाद के बाद देश का दूसरा सबसे ज़्यादा प्रदूषित औद्योगिक क्षेत्र बना दिया है. (सिंगरौली से देवेन्द्र पांडे के इनपुट के साथ)

वीडियो: ऐश डैम टूटने से हुए नुकसान का सिंगरौली के किसानों को मिलेगा मुआवजा

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