संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में हुए हिसंक प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार की गईं कांग्रेस कार्यकर्ता सदफ जाफर ने पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाया है कि उनके साथ मारपीट की गई है. उन्होंने कहा, 'पुलिसवालों ने उनके पेट में लात मारी और पाकिस्तान जाने के लिए कहा.' बता दें, लखनऊ में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में हुए हिसंक प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार पूर्व आईपीएस अधिकारी एस आर दारापुरी और कांग्रेस कार्यकर्ता सदफ जाफर को मंगलवार को जेल से रिहा कर दिया गया. सूत्रों ने बताया कि स्थानीय अदालत ने शनिवार को उन्हें जमानत दी थी, लेकिन कागजी कार्रवाई पूरी न होने के कारण उनकी जेल से रिहाई नहीं हो सकी थी.
कांग्रेस के नगर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान ने बताया कि आज सुबह करीब 10 बजे वे जेल से रिहा हो गये. उन्होंने बताया, मैं पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ दोनों को लेने जेल गया था. हमारी पार्टी संशोधित नागरिकता विधेयक के विरोध में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता का विरोध करती है.' सदफ को 19 दिसंबर को और दारापुरी को 20 दिसंबर को गिरफतार किया गया था.
वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार पूर्व आईपीएस अधिकारी एस.आर. दारापुरी और पार्टी नेता सदफ जाफर के जेल से रिहा होने के बाद मंगलवार को कहा कि योगी सरकार ने निर्दोष और भीमराव आंबेडकर की विरासत को आगे बढ़ाने वाले लोगों को गिरफ्तार करके अपनी सोच दिखाई है.
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उन्होंने ट्वीट किया, ‘आंबेडकरवादी चिंतक एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी दारापुरी और कांग्रेस नेता सदफ जाफर आज जेल से रिहा हो गए. अदालत द्वारा सबूत मांगने पर उप्र पुलिस बगलें झांकने लगी थी. भाजपा सरकार ने निर्दोष लोगों और बाबासाहेब की विरासत को आगे बढ़ाने वाले लोगों को गिरफ्तार करके अपनी असली सोच दिखाई है. मगर झूठ कभी नहीं जीत सकता.'
VIDEO: कांग्रेस कार्यकर्ता सदफ जाफर और पूर्व IPS दारापुरी को मिली जमानत
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