प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
चीन ने भारत को संकेत दिए हैं कि वह भारत और चीन की सीमा को लेकर कई सालों से दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद को सुलझाना चाहता है। चीन का कहना है कि सीमा को लेकर उसके बारह देशों से विवाद थे। वह उन सबको सुलझा चुका है और अब भारत के साथ भी विवाद खत्म करना चाहता है।
अजीत डोभाल से जताई विवाद सुलझाने की मंशा
केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक यह बात चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यांग जीचि ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से तब कही थी जब हाल ही में वे चीन गए थे। अजित डोभाल पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय सीमा को लेकर बातचीत के लिए बीजिंग गए थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि "चीन का रुख पॉज़िटिव था। वह चाहता है कि दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर विवाद जल्द खत्म हो जाए।"
भारत ने माना, चीन का कदम सकारात्मक
भारत का मानना है कि चीन में पहली बार यह दृढ़ता देखने को मिली। दरअसल 20-21 अप्रैल को हुई मीटिंग के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत और चीन को एक-दूसरे के साथ मिलकर समस्या का हल ढूंढना चाहिए, ताकि " सही राजनीतिक" समाधान निकले। भारत इसे एक पॉज़िटिव स्टेप मान रहा है। मंत्रालय का कहना है कि "चीन कह रहा है कि समस्या का राजनीतिक हल निकालें, यह एक अच्छी पहल है।"
डोभाल और यांग के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को लेकर खुलकर बात हुई है। दोनों देशों के बीच 3488 किलोमीटर लम्बी सीमा है। इसे लेकर दोनों देशों के बीच तनाव रहता है। डोभाल से पूर्व के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने 2014 में कहा था कि सभी तकनीकी काम हो चुका है और अब दोनों देशों के लीडरों के ऊपर है कि वे कितनी जल्दी समस्या का समाधान करते हैं।
अजीत डोभाल से जताई विवाद सुलझाने की मंशा
केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक यह बात चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यांग जीचि ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से तब कही थी जब हाल ही में वे चीन गए थे। अजित डोभाल पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय सीमा को लेकर बातचीत के लिए बीजिंग गए थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि "चीन का रुख पॉज़िटिव था। वह चाहता है कि दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर विवाद जल्द खत्म हो जाए।"
भारत ने माना, चीन का कदम सकारात्मक
भारत का मानना है कि चीन में पहली बार यह दृढ़ता देखने को मिली। दरअसल 20-21 अप्रैल को हुई मीटिंग के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत और चीन को एक-दूसरे के साथ मिलकर समस्या का हल ढूंढना चाहिए, ताकि " सही राजनीतिक" समाधान निकले। भारत इसे एक पॉज़िटिव स्टेप मान रहा है। मंत्रालय का कहना है कि "चीन कह रहा है कि समस्या का राजनीतिक हल निकालें, यह एक अच्छी पहल है।"
डोभाल और यांग के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को लेकर खुलकर बात हुई है। दोनों देशों के बीच 3488 किलोमीटर लम्बी सीमा है। इसे लेकर दोनों देशों के बीच तनाव रहता है। डोभाल से पूर्व के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने 2014 में कहा था कि सभी तकनीकी काम हो चुका है और अब दोनों देशों के लीडरों के ऊपर है कि वे कितनी जल्दी समस्या का समाधान करते हैं।
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