नई दिल्ली:
चीन ने एक बार फिर भारतीय सीमा में घुसपैठ की है। 16 और 17 जुलाई को चीनी सेना के करीब सौ जवान पूर्वी लद्दाख में घुसे। उन जवानों के हाथों में तख्तियां थीं जिनपर भारतीय सेना से कब्जे वाली जमीन खाली करने की बात लिखी थी। वहीं, भारत सरकार की ओर से कहा गया है कि भारत हर प्रकार के घुसपैठ से निपटने के लिए तैयार है।
भारतीय सेना से आमने−सामने के बाद चीनी सेना के ये जवान वापस अपने क्षेत्र में लौट गए। प्रधानमंत्री कार्यालय को चीन की इस घुसपैठ के बारे में जानकारी दे दी गई है। भारतीय सेना ने इस मसले को लेकर एरिया कमांडरों की एक बैठक बुलाई है।
कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने इस घटना के बारे में कहा कि सीमा पर इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं और ये कोई नई बात नहीं है। ऐसे मसलों को द्विपक्षीय बातचीत और बैठकों के जरिये सुलझा लिया जाता है।
वहीं, बीजेपी ने इस मुद्दे पर सरकार के रवैये की आलोचना की है। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार अपनी बात को ठीक तरीके से और मजबूती से रख नहीं पाती है। सीमा विवाद को खत्म किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है।
भारतीय सेना से आमने−सामने के बाद चीनी सेना के ये जवान वापस अपने क्षेत्र में लौट गए। प्रधानमंत्री कार्यालय को चीन की इस घुसपैठ के बारे में जानकारी दे दी गई है। भारतीय सेना ने इस मसले को लेकर एरिया कमांडरों की एक बैठक बुलाई है।
कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने इस घटना के बारे में कहा कि सीमा पर इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं और ये कोई नई बात नहीं है। ऐसे मसलों को द्विपक्षीय बातचीत और बैठकों के जरिये सुलझा लिया जाता है।
वहीं, बीजेपी ने इस मुद्दे पर सरकार के रवैये की आलोचना की है। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार अपनी बात को ठीक तरीके से और मजबूती से रख नहीं पाती है। सीमा विवाद को खत्म किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है।
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