सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के मुद्दे पर आज केंद्र सुप्रीम कोर्ट को अपना जवाब देगा। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र और राज्यपाल से पूछा था कि किन परिस्थितियों के तहत राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का फ़ैसला किया गया। इस बारे में राज्य के राज्यपाल की ओर से भी सीलबंद लिफाफे में अपना जवाब कोर्ट को भेज दिया गया है।
राज्यपाल का जवाब
सूत्रों की मानें तो राज्यपाल ने अपने जवाब में राज्य की बिगड़ती क़ानून व्यवस्था की वजह से राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी।
ऐसे आई राज्य की कांग्रेस सरकार अल्पमत में
अरुणाचल में कांग्रेस की सरकार थी। 60 सदस्यों वाली अरुणाचल विधानसभा में कांग्रेस के पास 47 सदस्य थे, लेकिन इनमें से 21 विधायकों ने बगावत कर ली और सदन डिप्टी स्पीकर को विधायक दल का नेता चुन लिया। इन 21 विधायकों को बीजेपी के 11 और दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन था। इसके साथ ही नबाम टुकी की सरकार अल्पमत में आ गई और राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया।
राज्यपाल का जवाब
सूत्रों की मानें तो राज्यपाल ने अपने जवाब में राज्य की बिगड़ती क़ानून व्यवस्था की वजह से राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी।
ऐसे आई राज्य की कांग्रेस सरकार अल्पमत में
अरुणाचल में कांग्रेस की सरकार थी। 60 सदस्यों वाली अरुणाचल विधानसभा में कांग्रेस के पास 47 सदस्य थे, लेकिन इनमें से 21 विधायकों ने बगावत कर ली और सदन डिप्टी स्पीकर को विधायक दल का नेता चुन लिया। इन 21 विधायकों को बीजेपी के 11 और दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन था। इसके साथ ही नबाम टुकी की सरकार अल्पमत में आ गई और राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया।
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