जौहरी द्वारका दास सेठ इंटरनेशनल पर 389.95 करोड़ रु का फ्रॉड केस दर्ज -प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
पीएनबी के महाघोटाले के बाद अब ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में भी करीब 390 करोड़ का घोटाला सामने आया है, इस मामले में सीबीआई ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. दिल्ली के करोलबाग इलाके का ये दफ्तर कभी द्वारका दास सेठ इनटरनेशनल और द्वारका दास सेठ इनकारपोरेशन नाम की फर्म का हुआ करता था लेकिन इसे कुछ साल पहले बैंक ने कब्जे में ले लिया. आरोप है हीरा और सोने का कारोबार करने वाली इन दोनों फर्मों के मालिकों ने गुड़गांव की ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को करीब 390 करोड़ का चूना लगा दिया. उसके बाद कंपनी के दफ्तर बंद कर दिए गए. सीबीआई को इस मामले में बैंक की तरफ से शिकायत करीब 6 महीने पहले मिली लेकिन मामला 22 फरवरी को दर्ज किया गया.
एफआईआर के मुताबिक़ ये घोटाला 2007 से चल रहा था. बैंक ने द्वारका दास सेठ फर्म को लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिये क्रेडिट की कई सुविधाएं दी हुई थीं. इस फर्म ने अपना टर्नओवर 100 करोड़ से ऊपर दिखाया था जबकि असल में इसका टर्नओवर महज़ 13-14 करोड़ था. ये फर्म सोने और हीरे का कारोबार कर रही थी.
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घोटाला करने वालों ने सोना और हीरे खरीदने के नाम पर बैंक का पैसा लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिये के केन्या और दुबई के बैंकों में भिजवाया जबकि वो बैंक एक तरह से नकली या बेहद कम रेटिंग वाले थे. जिन कंपनियों से सोने और हीरे की खरीद दिखाई गई वो भी फ़र्ज़ी थीं और बिल भी फ़र्ज़ी थे. बाद में ये पैसा आरोपियों के अकाउंट में ट्रांसफर हो गया.
इस तरह ओबीसी बैंक को 389.85 करोड़ का चूना लगाया गया. दुबई में गहने का काम करने वाली कंपनी अल सलाम ज्वैलरी से पता चला कि द्वारका दास फर्म ने उनका भी 83 करोड़ रुपया नहीं दिया है. सीबीआई के मुताबिक इस मामले में कंपनी के मालिकों सभ्या सिंह, रीता सिंह, आर के सिंह, कृष्णा सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और उनकी तलाश की जा रही है. धोखाधड़ी में बैंक के भी कुछ कर्मचारियों के शामिल होने का शक है.
बता दें कि देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले से बैंकों के प्रति डगमगाए आम लोगों के विश्वास के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए पिछले दिनों कहा कि लूट बर्दाश्त नहीं की जाएगी. पंजाब नेशनल बैंक में 11,400 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए इशारों-इशारे में कहा कि उनकी सरकार वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी और जनता के धन की लूट बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
एफआईआर के मुताबिक़ ये घोटाला 2007 से चल रहा था. बैंक ने द्वारका दास सेठ फर्म को लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिये क्रेडिट की कई सुविधाएं दी हुई थीं. इस फर्म ने अपना टर्नओवर 100 करोड़ से ऊपर दिखाया था जबकि असल में इसका टर्नओवर महज़ 13-14 करोड़ था. ये फर्म सोने और हीरे का कारोबार कर रही थी.
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बता दें कि देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले से बैंकों के प्रति डगमगाए आम लोगों के विश्वास के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए पिछले दिनों कहा कि लूट बर्दाश्त नहीं की जाएगी. पंजाब नेशनल बैंक में 11,400 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए इशारों-इशारे में कहा कि उनकी सरकार वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी और जनता के धन की लूट बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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