सांकेतिक तस्वीर
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी में मंगलवार को एक सीमा चौकी के पास सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की एक गश्त टीम पर करीब 100 पशु तस्करों ने डंडों और धारदार हथियारों से हमला किया. इस हमले में बीएसएफ के छह जवान गंभीर रूप से घायल हो गए.
बीएसएफ की गश्त टीम को उन तस्करों की गिरफ्तारी के लिए भेजा गया था जो लेयुसिपाकुड़ी सीमा चौकी से पशुओं की तस्करी की ताक में थे. गश्त टीम ने 34 गायों को अपने कब्जे में ले लिया था. हालांकि, वह किसी तस्कर को गिरफ्तार नहीं कर सकी थी.
बीएसएफ की 'उत्तर बंगाल फ्रंटियर' के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'जब हम पशुओं को पुलिस के हवाले करने के लिए लौट रहे थे तो करीब 100 पशु तस्करों ने हम पर डंडों और धारदार हथियारों से हमला किया. उन्होंने पशुओं को भी अपने कब्जे में लेने की कोशिश की. इस दौरान हमारे छह-सात जवान गंभीर रूप से घायल हो गए.'
उन्होंने कहा, 'तस्करों को रोकने की खातिर हमें हवा में छह गोलियां चलानी पड़ीं, उन्हें तितर-बितर किया जा सके.' पड़ोसी बांग्लादेश में बीफ की भारी मांग की वजह से पश्चिम बंगाल पशु तस्करी का गढ़ है.' लगभग पूरे देश से पशुओं को पश्चिम बंगाल भेजा जाता है, ताकि तस्करी के जरिए उन्हें पड़ोसी देश भेजा जा सके.
बहरहाल, तस्करी पर लगाम की खातिर हालिया महीनों में सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी के बाद पशु तस्करों की राह बहुत आसान नहीं रह गई है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बीएसएफ की गश्त टीम को उन तस्करों की गिरफ्तारी के लिए भेजा गया था जो लेयुसिपाकुड़ी सीमा चौकी से पशुओं की तस्करी की ताक में थे. गश्त टीम ने 34 गायों को अपने कब्जे में ले लिया था. हालांकि, वह किसी तस्कर को गिरफ्तार नहीं कर सकी थी.
बीएसएफ की 'उत्तर बंगाल फ्रंटियर' के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'जब हम पशुओं को पुलिस के हवाले करने के लिए लौट रहे थे तो करीब 100 पशु तस्करों ने हम पर डंडों और धारदार हथियारों से हमला किया. उन्होंने पशुओं को भी अपने कब्जे में लेने की कोशिश की. इस दौरान हमारे छह-सात जवान गंभीर रूप से घायल हो गए.'
उन्होंने कहा, 'तस्करों को रोकने की खातिर हमें हवा में छह गोलियां चलानी पड़ीं, उन्हें तितर-बितर किया जा सके.' पड़ोसी बांग्लादेश में बीफ की भारी मांग की वजह से पश्चिम बंगाल पशु तस्करी का गढ़ है.' लगभग पूरे देश से पशुओं को पश्चिम बंगाल भेजा जाता है, ताकि तस्करी के जरिए उन्हें पड़ोसी देश भेजा जा सके.
बहरहाल, तस्करी पर लगाम की खातिर हालिया महीनों में सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी के बाद पशु तस्करों की राह बहुत आसान नहीं रह गई है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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