नई दिल्ली : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा में तो भूमि अधिग्रहण बिल पास करा लिया, लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं होने का कारण संसद के उच्च सदन में बिल पास नहीं हो पाया। कैबिनेट ने अब भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को फिर से जारी करने की सिफारिश कर दी है। गौरतलब है कि पहले से जारी अध्यादेश की अवधि 5 अप्रैल को खत्म हो रही है।
मंगलवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया। यह विधेयक लोकसभा में 9 संसोधनों के साथ पारित हो चुका है, लेकिन पांच अप्रैल तक इसके राज्यसभा में पारित होने की कोई संभावना नहीं है।
हाल ही में संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू ने सीसीपीए की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा था कि संसदीय मामलों पर कैबिनेट की समिति की शु्क्रवार को हुई बैठक और तत्काल प्रभाव से राज्यसभा के सत्रावसान की सिफारिश करने का फैसला किया गया है। जब उनसे पूछा गया कि सरकार भूमि अधिग्रहण पर दोबारा अध्यादेश कब लाएगी, क्योंकि मौजूदा अध्यादेश पांच अप्रैल को निष्प्रभावी हो जाएगा तो उन्होंने कहा, 'जब फैसला किया जाएगा तो आपको पता चलेगा।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हुई बैठक में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी भाग लिया। सूत्रों ने कहा कि बैठक में शामिल नहीं हो सके वित्तमंत्री अरुण जेटली से भी फैसले के संबंध में पहले बात की गई थी।
संसद के बजट सत्र का एक महीने का मध्यावकाश चल रहा है। संसद सत्र चालू होने के बीच कोई अध्यादेश जारी करने के लिए कम से कम एक सदन का सत्रावसान करना होता है।
नए अध्यादेश में सरकार द्वारा लोकसभा में विधेयक को पारित करने के दौरान लाऐ गए नौ सरकारी संशोधन शामिल हो सकते हैं। पिछले बुधवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में इन संशोधनों को पूर्वव्यापी प्रभावों से मंजूरी दी गई थी। सूत्रों ने कहा कि जिन वरिष्ठ मंत्रियों को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से सलाह मशविरे की जिम्मेदारी दी गई थी, उन्होंने प्रमुख नेताओं से संपर्क साधा।
इनपुट : भाषा
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