
भाजपा और प्रधानमंत्री पद के लिए उसके उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि वह 'जहर की खेती' और हिंसा को उकसा कर विभाजनकारी राजनीति में लिप्त हैं।
यूपीए अध्यक्ष ने उत्तरी कर्नाटक स्थित गुलबर्गा में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'यह क्षेत्र सूफी-संतों की कर्मभूमि और देश की मिली-जुली संस्कृति का प्रतीक रहा है। मेरा पूरा भरोसा है कि आप ऐसे लोगों को मंजूर नहीं करेंगे जो जहर का बीज बोते हैं, जो धर्मनिरपेक्ष साख में भरोसा नहीं करते और जो कामयाबी पाने के लिए हिंसा भड़काने की राजनीति करते हैं।'
सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा और दूसरी विपक्षी पार्टियों का एक ही मकसद है और वे कुर्सी हासिल करना चाहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'यह जरूरी है कि किसी प्रकार सत्ता हासिल करने के लिए विपक्षी दलों की योजनाओं से लोग सतर्क रहें।'
मोदी का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए गांधी ने कहा, 'जो लोग अपनी प्रशंसा खुद ही कर रहे हैं, मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि क्या वे देश का भला करेंगे। नहीं, बिल्कुल नहीं। उनका एकमात्र मकसद सत्ता हासिल करना और इसके लिए वे हर प्रकार के षड्यंत्र का सहारा लेंगे। आपको ऐसे लोगों से सतर्क रहना और उनके इरादों को समझना होगा।'
सोनिया गांधी ने दावा किया कि कांग्रेस सत्ता के लिए लालायित नहीं रहती, बल्कि उसकी चिंता देश और उसके लोगों को लेकर है। उन्होंने कहा, 'हम गरीबी हटाने और निर्धनों को आत्मसम्मान दिलाने के लिए भी चिंतित हैं। हम भाईचारा को बढ़ाने ओर समाज में शांति कायम रखने के लिए चिंतित हैं। इसलिए हम विकास को गति देने की स्थिति में हैं।'
वहीं दूसरी तरफ, भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और पार्टी प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि कांग्रेस का 2014 में वही हश्र होगा जो 2007 में नरेंद्र मोदी के खिलाफ उनकी 'मौत का सौदागर' संबंधी टिप्पणी के बाद हुआ था।
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