केरल के अलप्पुझा और कोट्टायम जिलों में बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बत्तखों एवं मुर्गे-मुर्गियों समेत 69,000 से अधिक पक्षियों को मारा गया है. केरल के पशुपालन मंत्री के. राजू ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 19 त्वरित कार्रवाई बल दोनों जिलों में पक्षियों को मारने का काम कर रहे हैं और जिन क्षेत्रों में संक्रमण फैलने की आशंका है, उन्हें बृहस्पतिवार को संक्रमणमुक्त किया जाएगा. राजू ने कहा कि एन5एन8 वायरस से मनुष्यों के संक्रमित होने के अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है.
उन्होंने कहा, ‘‘प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के पक्षी प्रवासी पक्षियों से संक्रमित हुए हैं। अभी तक मनुष्यों के इस वायरस से संक्रमित होने का मामला सामने नहीं आया हैं. हालांकि इस वायरस के स्वरूप बदलने की आशंका है, इसलिए हमें सतर्क रहना होगा.'' उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में पक्षियों के मांस एवं उनके अंडों की बिक्री पर प्रतिबंध जारी रहेगा.
मंत्री ने कहा, ‘‘राज्य कैबिनेट ने पक्षियों को मारने के लिए किसानों को मुआवजा देने के संबंध में फैसला करने के लिए आज बैठक की. दो महीने से अधिक आयु के मारे गए हर पक्षी के लिए 200 रुपए और दो महीने से कम आयु के पक्षियों के लिए 100-100 रुपए का मुआवजा दिया जाएगा.''
उन्होंने कहा कि जिन अंडों को नष्ट किया गया है, उनके लिए प्रति अंडा पांच रुपए मुआवजा दिया जाएगा. राजा ने बताया कि अलप्पुझा में 61,513 और कोट्टायम में 7,729 पक्षियों को मारा गया. भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान में की गई नमूनों की जांच के परिणाम में दोनों जिलों में बर्ड फ्लू संक्रमण की पुष्टि के बाद इन पक्षियों को मारने का अभियान शुरू किया गया.
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