प्रतीकात्मक फोटो
बेगूसराय:
बेगूसराय में डकैतों के खिलाफ तीन लड़कियों के अदम्य साहस ने देश की लड़कियो के लिए एक मिसाल पेश की है। इन लड़कियों ने आधा दर्जन से अधिक डकैतों का सामना करते हुए न सिर्फ डकैती की एक बड़ी घटना रोकी बल्कि एक डकैत को भी जान की परवाह किए बिना धरदबोचा। तीन बहनों के इस अदम्य साहस की चर्चा न सिर्फ आम लोगों मे है बल्कि पुलिस महकमा भी इन लड़कियों पर गर्व कर रहा है।
माता-पिता और भाई की पिटाई सहन नहीं हुई
इस कार्य के लिए पुलिस लड़कियों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाने की कोशिश मे जुट गई है। काजल, पूजा और सुप्रिया की उम्र भले ही 14 , 18 और 21 साल है पर इन्होंने काफी हिम्मत दिखाकर अदम्य साहस का परिचय दिया है। कल तक गुमनामी की जिदंगी जीने वालीं यह बहनें आज किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। बेगूसराय के चेरियाबरियारपुर थाना क्षेत्र के सकर बासा गांव की रहने वालीं इन बहनों ने हथियारबंद डकैतों के सामने आत्मसमर्पण करने की बजाय उनसे लोहा लिया और डकैतों को खदेड़ दिया। इस दौरान इन बहनों ने एक डकैत को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। यह घटना दो दिन पूर्व देर रात में हुई। बताया जाता है कि रात में अचानक डकैतों ने हमला बोल दिया और लड़कियों के माता-पिता व भाई के हाथ-पैर बांधकर पिटाई शुरू कर दी। इससे लड़कियों का धैर्य जवाब दे गया। उन्होंने आपस में इशारों में डकैतों से लोहा लेने का इरादा बनाया और उन पर टूट पड़ीं।
ग्रामीणों ने की मदद, एक डकैत को पकड़ा
शोर होने पर ग्रामीण जाग गए। इसके बाद ग्रामीणों ने भी तीनों लड़कियों को भरपूर सहयोग दिया। जब तक ग्रामीण जमा हुए तब तक तीनों बहनों ने डकैतों को नहीं छोड़ा। इस दौरान कुछ डकैत भागने में सफल हो गए। उन्होंने एक डकैत को पकड़कर ग्रामीणों के हवाले कर दिया। इस दौरान डकैतों ने एक ग्रामीण को गोली भी मार दी।
पिता को बेटियों पर गर्व
साहसी लड़कियों के मुताबिक अपने मां-बाप को मार खाते देखकर उनका साहस जागा और उन्हें लगा कि वे अपराधियों के खिलाफ लड़ सकती हैं। उनका यह भी मानना है कि अगर लड़कियां साहस का परिचय दें तो अपराध और अपराधी लड़कियों का कुछ नहीं बिगाड़ सकते। इस घटना की सूचना मिलते ही इलाके में इन बहनों के साहस की चर्चा आम हो गई है। लोगों को मानना है कि ऐसी लड़कियां अगर हर घर में हों तो अपराधों में कमी आएगी। लड़कियों के स्वर्ण व्यवसायी पिता मदन पोद्वार को फक्र है कि उनकी ऐसी बेटियां हैं जिनके कारण न सिर्फ पूरे परिवार की जान बच गई बल्कि वे लुटने से भी बच गए।
पुलिस भी हुई साहसी लड़कियों की कायल
अपनी पीठ थपथपाने वाली पुलिस भी इन लड़कियों की कायल बन गई है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इन लड़कियों को राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाने के लिए प्रयास में जुट गए हैं। बेगुसराय के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि काजल, सुप्रिया और पूजा ने अदम्य साहस का परिचय देकर देश में मिसाल कायम की है। पुलिस विभाग ने बैठक कर इन लड़कियों को सम्मानित करने के लिए सरकर के पास अनुशंसा भेजने का निर्णय लिया है।
माता-पिता और भाई की पिटाई सहन नहीं हुई
इस कार्य के लिए पुलिस लड़कियों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाने की कोशिश मे जुट गई है। काजल, पूजा और सुप्रिया की उम्र भले ही 14 , 18 और 21 साल है पर इन्होंने काफी हिम्मत दिखाकर अदम्य साहस का परिचय दिया है। कल तक गुमनामी की जिदंगी जीने वालीं यह बहनें आज किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। बेगूसराय के चेरियाबरियारपुर थाना क्षेत्र के सकर बासा गांव की रहने वालीं इन बहनों ने हथियारबंद डकैतों के सामने आत्मसमर्पण करने की बजाय उनसे लोहा लिया और डकैतों को खदेड़ दिया। इस दौरान इन बहनों ने एक डकैत को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। यह घटना दो दिन पूर्व देर रात में हुई। बताया जाता है कि रात में अचानक डकैतों ने हमला बोल दिया और लड़कियों के माता-पिता व भाई के हाथ-पैर बांधकर पिटाई शुरू कर दी। इससे लड़कियों का धैर्य जवाब दे गया। उन्होंने आपस में इशारों में डकैतों से लोहा लेने का इरादा बनाया और उन पर टूट पड़ीं।
ग्रामीणों ने की मदद, एक डकैत को पकड़ा
शोर होने पर ग्रामीण जाग गए। इसके बाद ग्रामीणों ने भी तीनों लड़कियों को भरपूर सहयोग दिया। जब तक ग्रामीण जमा हुए तब तक तीनों बहनों ने डकैतों को नहीं छोड़ा। इस दौरान कुछ डकैत भागने में सफल हो गए। उन्होंने एक डकैत को पकड़कर ग्रामीणों के हवाले कर दिया। इस दौरान डकैतों ने एक ग्रामीण को गोली भी मार दी।
पिता को बेटियों पर गर्व
साहसी लड़कियों के मुताबिक अपने मां-बाप को मार खाते देखकर उनका साहस जागा और उन्हें लगा कि वे अपराधियों के खिलाफ लड़ सकती हैं। उनका यह भी मानना है कि अगर लड़कियां साहस का परिचय दें तो अपराध और अपराधी लड़कियों का कुछ नहीं बिगाड़ सकते। इस घटना की सूचना मिलते ही इलाके में इन बहनों के साहस की चर्चा आम हो गई है। लोगों को मानना है कि ऐसी लड़कियां अगर हर घर में हों तो अपराधों में कमी आएगी। लड़कियों के स्वर्ण व्यवसायी पिता मदन पोद्वार को फक्र है कि उनकी ऐसी बेटियां हैं जिनके कारण न सिर्फ पूरे परिवार की जान बच गई बल्कि वे लुटने से भी बच गए।
पुलिस भी हुई साहसी लड़कियों की कायल
अपनी पीठ थपथपाने वाली पुलिस भी इन लड़कियों की कायल बन गई है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इन लड़कियों को राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाने के लिए प्रयास में जुट गए हैं। बेगुसराय के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि काजल, सुप्रिया और पूजा ने अदम्य साहस का परिचय देकर देश में मिसाल कायम की है। पुलिस विभाग ने बैठक कर इन लड़कियों को सम्मानित करने के लिए सरकर के पास अनुशंसा भेजने का निर्णय लिया है।
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