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This Article is From Apr 19, 2018

मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में ओवैसी बोले- NIA पिंजरे का तोता ही नहीं, अंधा-बहरा भी है

साल 2007 के हैदराबाद की मक्‍का मस्जिद विस्‍फोट मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने जांच एजेंसी एनआईए पर हमला बोला है.

मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में ओवैसी बोले- NIA पिंजरे का तोता ही नहीं, अंधा-बहरा भी है
असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले पर ओवैसी का बयान.
एनआईए को पिंजरे का तोता कहा.
कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया है.
नई दिल्ली: साल 2007 के हैदराबाद की मक्‍का मस्जिद विस्‍फोट मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने जांच एजेंसी एनआईए पर हमला बोला है. अवैसी ने आतंकवाद निरोधक जांच एजेंसी (एनआईए) को न सिर्फ पिंजरे का तोता ही नहीं, बल्कि अंधा और बहरा तोता भी है. गौरतलब है मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने स्वामी असीमानंद समेत सभी 5 आरोपियों को बरी कर दिया है. विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 से ज्‍यादा लोग घायल हुए थे. 

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असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 'अगर इस ब्लास्ट में मारे गये किसी भी पीड़ित का परिवार इस फैसले के खिलाफ अपील करना चाहता है, तो मैं उसे कानूनी सहायता उपलब्ध करवाने के लिए तैयार हूं. लोग एनआईए को पिंजरे का तोता कहते हैं, मगर मैं इसे अंधा और बहरा तोता भी कहूंगा.' यह बातें ओवैसी ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कही. इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि 2007 के मक्का मस्जिद विस्फोट मामले को आतंकवाद निरोधक जांच एजेंसी (एनआईए) ने सही तरीके से अदालत में नहीं रखा. हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ओवैसी ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर आरोप लगाए कि मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में अधिकतर गवाह जून 2014 के बाद से मुकर गए और एनआईए ने या तो मामले को ठीक तरीके से अदालत में नहीं रखा, जैसा कि उससे उम्मीद की जा रही थी या उसे राजनैतिक आकाओं ने ऐसा नहीं करने दिया.

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ओवैसी ने कहा कि 'मामले में न्याय नहीं हुआ है. अगर इस तरह से पक्षपातपूर्ण अभियोजन जारी रहा तो आपराधिक न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े होंगे.' ओवैसी ने कहा, 'न्याय नहीं हुआ है. एनआईए और मोदी सरकार ने जमानत के खिलाफ अपील नहीं की जो आरोपियों को 90 दिन के अंदर दे दिए गए. यह पूरी तरह पक्षपातूपर्ण जांच थी जो आतंकवाद से लड़ने के हमारे संकल्प को कमजोर करेगी.'

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