कर्नाटक में धर्मांतरण रोधी कानून (Anti conversion law ) बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा कि धर्मांतरण रोधी विधेयक का मसौदा जल्द ही कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा. फिर इसे बेलगाम में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा. हालांकि कांग्रेस ने इस बिल का विरोध करने का ऐलान किया है. पार्टी का कहना है कि यह बिल अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए लाया जा रहा है. कर्नाटक ( Karnataka) में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि जिस भी स्वरूप में यह बिल पेश किया जाएगा, हम उसका विरोध करेंगे.
उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में ईसाई समुदाय के योगदान को नजरअंदाज करते हुए उन्हें निशाना बनाने के लिए यह बिल लाया जा रहा है. 2023 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी सरकार ये कर रही है. मालूम हो कि बीजेपीशासित कई राज्यों में धर्मांतरण रोधी कानून बनाया जा चुका है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने संकेत दिया कि 13 दिसंबर से बेलगावी विधानसभा सत्र के दौरान कैबिनेट बैठक होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि अधिकांश लोग धर्म परिवर्तन पर पाबंदी चाहते हैं. कानून विभाग इसकी (मसौदा विधेयक) समीक्षा कर रहा है. समीक्षा के बाद कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी जाएगी. बोम्मई ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक को मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद है. इसे चर्चा के लिए विधानसभा सत्र में पेश किया जा सकता है.
बोम्मई ने दावा किया कि धर्म परिवर्तन समाज के लिए अच्छा नहीं है. दबे-कुचले लोगों को इसका शिकार नहीं बनने देना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी धार्मिक समुदायों के लोगों को धर्मांतरण रोधी कानून से घबराने की जरूरत नहीं है. हिंदू, ईसाई, मुस्लिम और सिख संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त धर्म हैं. लोगों को प्रार्थना करने या अपने धर्म का पालन करने में कोई समस्या नहीं है. हालांकि, किसी की गरीबी का फायदा उठाकर उसे उसका धर्म बदलने के लिए लुभाने की कोई गुंजाइश नहीं है.
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