- ओवैसी ने बिहार चुनाव में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन पर सवाल उठाए हैं और महागठबंधन के नेताओं को अल्टीमेटम दिया है
- उन्होंने कहा कि महागठबंधन के बड़े नेताओं ने AIMIM के अध्यक्ष से बातचीत नहीं की है
- बिहार में अधिकांश लोगों के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है, जो वेरिफिकेशन में समस्या पैदा करेगा
- ओवैसी ने मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया को जल्दबाजी में बताया और इसकी आलोचना की है
बिहार में कुछ महीने बाद चुनाव हैं और उसकी हलचल अभी से दिखने लगी है. पटना से दिल्ली तक हर दिन सियासत करवट ले रही है. चंद्रशेखर ने बुधवार को 40 सीटों पर अपने पत्ते खोले. उम्मीदवारों का ऐलान किया. (पूरी खबर पढ़ें) वहीं NDTV इंडिया के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी एक सियासी तीर छोड़ा. महागठबंधन के नेताओं को अल्टिमेटम दे दिया कि सीट बंटवारे की मेज पर बैठ जाएं, नहीं तो फिर बाद में यह कहकर मत रोइएगा कि मम्मी-मम्मी हमारी चॉकलेट छीन ली. ओवैसी के यही शब्द थे. मंगलवार को ही AIMIM प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमाम ने महागठबंधन के नेताओं पर गठबंधन को लेकर बेरुखी दिखाने का आरोप लगाया था. ओवैसी ने इस खास बातचीत में साफ किया कि उनकी तैयारी पूरी है. दो सीटों पर तैयारी चल रही है. फैसले में देरी हुई तो सीमांचल से बाहर पार्टी पैर बढ़ाएगी. इसके साथ ही बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन पर भी सवाल खड़े किए.
राहुल और तेजस्वी को ओवैसी का अल्टीमेटम
NDTV को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में ओवैसी ने कहा कि बिहार में महागठबंधन के साथ सीटों के तालमेल को लेकर AIMIM प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमाम कोशिशों में जुटे हैं. ओवैसी ने कहा कि उन्होंने भी पूरी कोशिश करने को कहा है. हालांकि, इस बहाने वह बातों बातों में आरजेडी और कांग्रेस पर कटाक्ष भी कर गए. ओवैसी ने कहा, 'चुनाव के बाद कोई यह न रोए कि मम्मी मम्मी हमारी चॉकलेट छीन ली. वह राजी हैं तो हम भी राजी हैं. हम भी नहीं चाहते हैं कि एनडीए और बीजेपी वहां सरकार बनाए. अगर वे नहीं चाहते हैं, तो हमें तो चुनाव लड़ना ही है. हम दो विधानसभाओं में अपना उम्मीदवार दो महीने पहले ही घोषित कर चुके हैं. बाहदुरगंज और ढाका में हमारे उम्मीदवार मेहनत कर रहे हैं. दूसरी जगह भी हम खड़ा करेंगे. यह उनको सोचना है. हमारी तैयारी चल रही है. और तेजी पैदा करेंगे.'
"इन लोगों को हिम्मत मिल रही है कि हम जो चाहे कर सकते हैं, बीजेपी सत्ता में है" - AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी#AsaduddinOwaisi | #AIMIM | #KanwarYatra | @BabaManoranjan | @asadowaisi pic.twitter.com/xg08uzzK3W
— NDTV India (@ndtvindia) July 2, 2025
ओवैसी ने इशारों में बता दिए बिहार चुनाव का प्लान
ओवैसी ने कहा कि महागठबंधन के किसी बड़े नेता ने उनकी पार्टी के अध्यक्ष अख्तरुल इमाम के साथ अभी तक बातचीत नहीं की है. इमाम ने कल इसको लेकर बयान भी दिया है. आठ बार के विधायक से उनकी बातचीत जरूर हुई है, लेकिन हाईकमान की तरफ से भी तक ठंडापन ही देखने को मिल रहा है. ओवैसी ने कहा कि अगर वे अपना फैसला नहीं लेंगे, तो हम अपना फैसला लेंगे. उन्होंने इसका साथ ही अपने प्लान की झलक भी दे दी. ओवैसी ने कहा कि सीमांचल पर फोकस है, लेकिन उनकी पार्टी बाहर भी जाएगी.
'अधिकांश लोगों के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं'
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बिहार में अधिकांश लोगों के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है. उन्होंने सवाल किया कि जब बीएलओ घर-घर जाकर मतदाता सूची में नाम दर्ज करेंगे, तो वे जन्म प्रमाण पत्र की मांग करेंगे. ओवैसी ने कहा कि जिन लोगों के बच्चे बाहर रहते हैं, उनके लिए यह और भी मुश्किल होगा.
'पुनरीक्षण की प्रक्रिया जल्दबाजी में क्यों?'
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया जल्दबाजी में की जा रही है और यह समझ से परे है कि यह काम सिर्फ 2 महीने में कैसे पूरा होगा. उन्होंने सवाल किया कि जब बीएलओ की ट्रेनिंग भी पूरी नहीं हुई है, तो वे इस काम को कैसे करेंगे. ओवैसी ने कहा कि मतदान हमारे लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण पर्व है और मतदाताओं के अधिकारों को छीनना स्वीकार्य नहीं है.
'बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में यह प्रक्रिया कैसे पूरी होगी'
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया बिहार के लोगों के लिए हानिकारक होगी. उन्होंने सवाल किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में यह प्रक्रिया कैसे पूरी होगी. ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया अवैध प्रवासियों को लक्षित करने के लिए की जा रही है, लेकिन इसके पीछे का आधार क्या है. उन्होंने कहा कि पहले यह प्रक्रिया दिल्ली में होनी चाहिए.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया से किसी भी राजनीतिक दल को नुकसान नहीं होगा, लेकिन आम जनता और बिहार के मतदाताओं को नुकसान होगा. उन्होंने आरोप लगाया कि इससे मतदाताओं के अधिकार छीने जा रहे हैं. ओवैसी ने सवाल किया कि चुनाव आयोग ने यह फैसला जल्दबाजी में क्यों लिया और सभी पार्टियों के साथ बैठक क्यों नहीं की.
ओवैसी ने यह भी कहा कि उन्होंने अख्तरुल ईमान से महागठबंधन के नेताओं से बात करने का अनुरोध किया है, ताकि इस मुद्दे का समाधान निकाला जा सके और बाद में कोई ये न कह सके कि मम्मी-मम्मी हमसे हमारा चॉकलेट छीन लिए. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं और वे चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.
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