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जिंदा हूं मैं... चमत्कार भी होता है, सीट नंबर-11A वाले यात्री के प्लेन क्रैश में बचने से विश्वास हो गया

अहमदाबाद विमान हादसे में विश्वास तो बच गए,लेकिन उनके भाई अजय नहीं बच पाए. लंदन में रह रहे तीसरे भाई नयन एक तरफ खुश भी हैं और दूसरी तरफ दुखी भी. हालांकि भयानक हादसों के बीच चमत्कार वाले विश्वास की तस्वीर दुनिया भूल नहीं पाएगी.

अहमदाबाद प्लेन क्रैश में जिंदा बचे विश्वास.

अहमदाबाद:

अहमदाबाद प्लेन क्रैश हादसे में 265 लोगों की मौत (Ahmedabad Plane Crash) हो गई. यात्रियों और क्रू मेंबर्स समेत 242 लोग विमान के भीतर थे, जिनमें 241 लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन एक शख्स ऐसा भी है जो इस भीषण हादसे में जिंदा बच गया. ये किसी चमत्कार से कम नहीं है. यह यात्री फ्लाइट की 11-A सीट पर बैठकर यात्रा कर रहा था. व अहमदाबाद विमान हादसे में जिंदा बचने वाला इकलौता यात्री है. गुरुवार को जब हम सब शोलों में बदले विमान को बेबसी से देख रहे थे और सोच रहे थे कि इस हादसे में कोई बचा नहीं होगा, तब पता चला कि एक शख़्स जीवित निकल आया है...उसका नाम है-  विश्वास

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आग के गोले से कैसे जिंदा बचे विश्वास

गुरुवार को जब पूरा देश शोक की लहर में था, तब अस्पताल में भर्ती विश्वास की तस्वीरें राहत देने वाली थीं. वह जलती चिता बन चुके विमान से बचकर बाहर निकल आए. हालांकि वे खुद नहीं जानते कि वह विमान से बाहर आए कैसे. शुक्रवार को अहमदाबाद के सिविल अस्पताल पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने भी विश्वास से मुलाकात की. 

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विश्वास जलते प्लेन से बाहर कैसे निकले?

विश्वास कुमार रमेश ने कहा कि सब कुछ मेरी नजरों के सामने हुआ. मुझे खुद भरोसा नहीं हो रहा कि मैं कैसे उसमें से जिंदा बाहर निकल सका. क्रैश होने के बाद कुछ देर के लिए मुझे लगा कि मैं भी मरने ही वाला हूं.जब आंख खुली तो एहसास हुआ कि मैं जिंदा हूं. मैंने सीट बेल्ट खोला और बाहर निकलने की कोशिश की.मेरी नजरों के सामने एयर होस्टेस और कुछ अंकल-आंटी खत्म हो गए. मैं जहां लैंड हुआ वह नीचे का साइड था. मेरा डोर टूटा फिर मैंने बाहर निकलने के लिए ट्राई किया. मैं जहां था, वहीं थोड़ा स्पेस था. पता नहीं मैं कैसे बचा हूं. मेरी नजर के सामने जब आग लगी तो मेरा लेफ्ट हैंड जल गया.

यकीन नहीं होता, जिंदा बच गया

विश्वास को खुद भरोसा नहीं हो रहा है कि वह इस हादसे में बच गए हैं. भरोसा उन लोगों को भी नहीं हो रहा है, जिन्होंने उन्हें अंगारों के बीच से निकलकर चलते देखा. मेघानीनगर में हादसे वाली जगह पर NDTV की मुलाकात उस चश्मदीद से हुई, जो मौके पर सबसे पहले पहुंचा था. 242 पैसेंजर में से एक शख्स विश्वास जिंदा बच गए, इस पर धर्मेंद्र भी भरोसा नहीं कर पाए.

विश्वास को जिंदा देख हैरान रह गए चश्मदीद

धर्मेंद्र ने कहा कि वह उछलकर नीचे आकर गिरा. उसका शरीर भी जल रहा था. वह उठा और चलने लगा. किसी को इस पर विश्वास ही नहीं हो रहा था. पहले तो हमें लगा कि वह डॉक्टर की टीम में से कोई है. फिर उसने बताया कि उसका टिकच है तब पता चला कि वह तो यात्री है. 

बता दें कि इस हादसे में विश्वास तो बच गए,लेकिन उनके भाई अजय नहीं बच पाए. लंदन में रह रहे तीसरे भाई नयन एक तरफ खुश भी हैं और दूसरी तरफ दुखी भी.  भयानक हादसों के बीच चमत्कार वाले विश्वास की ये तस्वीर दुनिया भूल नहीं पाएगी.
 

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