अरविंद केजरीवाल पर कपिल मिश्रा के आरोप
नई दिल्ली:
रविवार को आम आदमी पार्टी के निलंबित विधायक कपिल मिश्रा ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में 35-35 करोड़ के 2 चेक दिखाए थे और दावा किया था कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी में ये पैसा नोटबंदी के दौरान काले धन को सफेद में बदलकर चंदे के रूप में जा रहा था.कपिल मिश्रा ये दावा करते-करते और मीडिया को यही दो चेक दिखाते-दिखाते बेहोश हो गए. आइए ज़रा इसके आगे पीछे की कहानी खोजकर इसका सच जानने की कोशिश करते हैं. आम आदमी पार्टी के निलंबित विधायक कपिल मिश्रा ने रविवार को ये दो चेक दिखाकर कहा, ये दो बहुत खतरनाक हैं. ये 35-35 करोड़ के चेक हैं. ये दो चेक उन्हीं कंपनियों ने दिए, जिन्होंने रात के 12 बजे 50 लाख रुपये दिए थे. इसकी जब सीबीआई जांच करेगी तो सच सामने आएगा कि नोटबंदी में ब्लैक को कैसे व्हाइट करने की तैयारी थी.
असल में आम आदमी पार्टी के नाम पर कटे चेक 27 दिसंबर 2016 को कपिल मिश्रा के नए सहयोगी और पूर्व में आप में रहे नील हसलम और आप के निलंबित विधायक देविंदर सेहरावत ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस करके जारी किए थे. उस समय नील ने बताया कि उनको ये असली चेक कैसे मिले थे. नील ने कहा, मैं स्टिंग आपरेशन के लिए इन फ़र्ज़ी कंपनियों के पते पर गया. मैंने कहा- मैं नील हूं, आम आदमी पार्टी से तो ये सुनते ही उन्होंने मुझे लिफ़ाफ़ा दिया जिसमें ये 35 करोड़ के चेक मिले. (देखें वीडियो)
इसी प्रेस कांफ्रेंस में जब एक पत्रकार ने पूछा कि जब असली चेक आपके पास हैं तो फिर ये कैसे साबित होता है कि आम आदमी पार्टी ने ये पैसे लिए हैं तब आप विधायक देविंदर सेहरावत ने कहा कि "हम ये नहीं कह रहे कि इन्होंने पैसे लिए हैं हम ये कह रहे हैं कि ये सब हमने जनता के बीच सबूत के रूप में रख दिया है. अब एजेंसियां इसकी जांच करें."लेकिन मंगलवार सुबह जब नील हसलम से एनडीटीवी इंडिया ने बात की तो नील शायद अपना ही कहा भूल गए. अब उनका कहना है, आम आदमी पार्टी के अंदर से किसी ने उनको ये चेक दिए, हालांकि उन्होंने ये माना कि दो चेक वही हैं, जो उन्होंने दिसंबर में जारी किए थे, लेकिन ये चेक देने वाली कंपनी कौन हैं इनका पता लगाने की बात उन्होंने कही, जबकि कपिल मिश्रा ने कहा कि ये दो चेक उन्हीं कंपनियों के हैं जिन्होंने आधी रात को आम आदमी पार्टी 50 लाख रुपये का चंदा दिया था.
जाहिर है कि ये साफ नहीं हो पा रहा कि आम आदमी पार्टी के नाम से ये चेक किसने जारी किए और इनके हाथ कैसे लगे. आम आदमी पार्टी भी साफ़ नहीं बता रही कि उसका इन चेक देने वाली कंपनियों से लेना देना है या नहीं? आम आदमी पार्टी नेता दिलीप पांडे ने कहा -आपकी कोई भी कंपनी होगी आप चंदा दीजिये हम लेंगे, रही बात इन चेक और कंपनियों की तो उन्हीं से पूछिए ना जो लाए हैं फ़र्ज़ी चेक.
ये दो चेक कटे तो आम आदमी पार्टी के नाम पर हैं, लेकिन इनको राजनीतिक रूप से कैश कपिल मिश्रा और उनके सहयोगी करवा रहे हैं, क्योंकि न चेक जारी करने वाली कंपनियों का कोई अता-पता है और ना इस बात का कोई सीधा जवाब मिल पा रहा है कि 'आप' के नाम पर कटा चेक कपिल मिश्रा और उनके सहयोगियों के हाथ कैसे लग गया?
असल में आम आदमी पार्टी के नाम पर कटे चेक 27 दिसंबर 2016 को कपिल मिश्रा के नए सहयोगी और पूर्व में आप में रहे नील हसलम और आप के निलंबित विधायक देविंदर सेहरावत ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस करके जारी किए थे. उस समय नील ने बताया कि उनको ये असली चेक कैसे मिले थे. नील ने कहा, मैं स्टिंग आपरेशन के लिए इन फ़र्ज़ी कंपनियों के पते पर गया. मैंने कहा- मैं नील हूं, आम आदमी पार्टी से तो ये सुनते ही उन्होंने मुझे लिफ़ाफ़ा दिया जिसमें ये 35 करोड़ के चेक मिले. (देखें वीडियो)
इसी प्रेस कांफ्रेंस में जब एक पत्रकार ने पूछा कि जब असली चेक आपके पास हैं तो फिर ये कैसे साबित होता है कि आम आदमी पार्टी ने ये पैसे लिए हैं तब आप विधायक देविंदर सेहरावत ने कहा कि "हम ये नहीं कह रहे कि इन्होंने पैसे लिए हैं हम ये कह रहे हैं कि ये सब हमने जनता के बीच सबूत के रूप में रख दिया है. अब एजेंसियां इसकी जांच करें."लेकिन मंगलवार सुबह जब नील हसलम से एनडीटीवी इंडिया ने बात की तो नील शायद अपना ही कहा भूल गए. अब उनका कहना है, आम आदमी पार्टी के अंदर से किसी ने उनको ये चेक दिए, हालांकि उन्होंने ये माना कि दो चेक वही हैं, जो उन्होंने दिसंबर में जारी किए थे, लेकिन ये चेक देने वाली कंपनी कौन हैं इनका पता लगाने की बात उन्होंने कही, जबकि कपिल मिश्रा ने कहा कि ये दो चेक उन्हीं कंपनियों के हैं जिन्होंने आधी रात को आम आदमी पार्टी 50 लाख रुपये का चंदा दिया था.
जाहिर है कि ये साफ नहीं हो पा रहा कि आम आदमी पार्टी के नाम से ये चेक किसने जारी किए और इनके हाथ कैसे लगे. आम आदमी पार्टी भी साफ़ नहीं बता रही कि उसका इन चेक देने वाली कंपनियों से लेना देना है या नहीं? आम आदमी पार्टी नेता दिलीप पांडे ने कहा -आपकी कोई भी कंपनी होगी आप चंदा दीजिये हम लेंगे, रही बात इन चेक और कंपनियों की तो उन्हीं से पूछिए ना जो लाए हैं फ़र्ज़ी चेक.
ये दो चेक कटे तो आम आदमी पार्टी के नाम पर हैं, लेकिन इनको राजनीतिक रूप से कैश कपिल मिश्रा और उनके सहयोगी करवा रहे हैं, क्योंकि न चेक जारी करने वाली कंपनियों का कोई अता-पता है और ना इस बात का कोई सीधा जवाब मिल पा रहा है कि 'आप' के नाम पर कटा चेक कपिल मिश्रा और उनके सहयोगियों के हाथ कैसे लग गया?
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