विज्ञापन
This Article is From Dec 11, 2019

नागरिकता संशोधन विधेयक से जुड़े वो 5 सवाल जिनके जवाब जरूर जानना चाहेंगे आप

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इन आरोपों को पहले ही खारिज कर चुके हैं. उनके अनुसार यह बिल सिर्फ इसलिए लाया जा रहा है ताकि इन तीनों देशों में रहने वाले गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सके.

नागरिकता संशोधन विधेयक से जुड़े वो 5 सवाल जिनके जवाब जरूर जानना चाहेंगे आप
नागरिकता बिल को लेकर देश में कई जगह प्रदर्शन
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल को पास करा लिया है अब सभी की निगाहें राज्यसभा पर टिकी हैं. अगर सरकार यहां भी इस बिल का पास करा लेती है तो देश को एक ऐसा कानून मिल जाएगा जिसके तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में रहने वाले  और धार्मिक प्रताड़ना झेल रहे गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारत आने के बाद यहां की नागरिकता दी जा सकेगी. हालांकि इस बिल को लेकर कई तरह के विवाद भी सामने आ रहे हैं. विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि यह बिल पूरी तरह से मुसलमानों के खिलाफ हैं. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इन आरोपों को पहले ही खारिज कर चुके हैं. उनके अनुसार यह बिल सिर्फ इसलिए लाया जा रहा है ताकि इन तीनों देशों में रहने वाले गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सके. यह बिल कहीं से भी मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. आइये जानते हैं इस बिल से जुड़े पांच वह सवाल जिनके जवाब इस बिल को समझने के लिए बेहद जरूरी हैं. 

त्रिपुरा में नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध के चलते इंटरनेट सेवाएं बंद, SMS पर भी पाबंदी

प्रश्न - क्या यह बिल असम के समझौते को कमजोर कर देगा? 

उत्तर - यदि अवैध शरणार्थियों को पकड़ने या उन्हें वापस भेजने के लिए 24 मार्च 1971 की कट ऑफ तारीख की बात करें तो यह बिल असम समझौतेत के मूल भावना को कमजोर नहीं करता है.

प्रश्न - क्या नागरिकता संशोधन बिल से बांग्ला भाषी लोगों का प्रभुत्व बढ़ेगा?

उत्तर- आपको जानकर हैरानी होगी की हिंदू बंगाली जनसंख्या के अधिकांश लोग असम की बराक घाटी में रहते हैं और यहां बंगाली भाषा को राज्य की दूसरी भाषा का दर्जा दिया गया है. ब्रह्मपुत्रा घाटी में हिंदू-बंगाली अलग-अलग क्षेत्रों में रह रहे हैं और उन्होंने असमी भाषा को अपना लिया है. 

नागरिकता संशोधन बिल पर राज्यसभा में भी क्‍यों नीतीश का हाथ रहेगा भाजपा के साथ...

प्रश्न- क्या नागरिकता संशोधन बिल के पास होने के बाद हिंदू बंगाली लोग जनजातीय लोगों की जमीन को हथिया लेंगे?

उत्तर- हिंदू बंगाली जनसंख्या अधिकांश रूप से असम की बराक घाटी में रह रही हैं. जो कि आदिवासी क्षेत्र से दूर है. साथ ही नागरिक संशोधन बिल आदिवासी जमीन को संरक्षण संबंधी किसी भी नियम अधिनियम को खंडित नहीं करती है. नागरिकता संशोधन बिल उस स्थान पर लागू नहीं होता है जहां इन लाइन परमिट का प्रवाधान हो.

प्रश्न - क्या नागरिकता संशोधन बिल के कारण बांग्लादेश से हिंदुओं को पलायन और बढ़ जाएगा? 

उत्तर - बांग्लादेश से अधिकांश अल्पसंख्यक पहले विस्थापित हो चुके हैं, उत्पीड़न के स्तर में भी पिछले कुछ वर्षों में कमी आई हैं. बदले हुए स्वरूप में व्यापक रूप से धार्मिक प्रताड़ना के कारण पलायन के होने की संभावना बहुत कम है. 31 दिसंबर 2014 के बाद भारत प्रवास करने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिक संशोधन बिल के तहत लाभ नहीं मिल सकेगा.

CAB के पक्ष में शिवसेना की वोटिंग से कांग्रेस हाईकमान नाराज, गठबंधन से बाहर आने की धमकी!

प्रश्न- क्या नागरिकता संशोधन बिल हिंदू बंगालियों को नागरिकता प्रदान करेगी? 

उत्तर- नागरिकता संशोधन बिल स्वतरू हिंदू बंगालियों को नागरिकता प्रदान नहीं कर सकती है. यह बिल केवल छह अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित व्यक्तियों के लिए एक सक्षम कानून का निर्धारण करेगी. इस बिल को केवल मानवीय आधार पर प्रस्तावित किया गया है क्योंकि तीन देशों से धार्मिक उत्पीड़न के आधार पर इन समुदायों को भगाया गया है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
भारत युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थक : BRICS समिट में PM मोदी ने फिर दोहराई शांति की बात
नागरिकता संशोधन विधेयक से जुड़े वो 5 सवाल जिनके जवाब जरूर जानना चाहेंगे आप
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में आतंकी हमला, एक डॉक्टर समेत 6 लोगों की मौत, 5 घायल
Next Article
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में आतंकी हमला, एक डॉक्टर समेत 6 लोगों की मौत, 5 घायल
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com