कोलार में आईफोन बनाने वाली यूनिट में शनिवार को हुई हिंसा के सिलसिले में 167 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वामपंथी संगठन एसएफआई (SFI) के नेता श्रीकांत को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया उसके बाद उसे छोड़ दिया. श्रीकांत की गिरफ्तारी के बाद एसएफआई ने उनको लेकर सोशल मीडिया पर “सेव श्रीकांत” नाम से कैंपेन चलाया. कुछ उनकी गिरफ्तारी की खबरें भी चली. उनके साथियों ने आशंका जताई है कि श्रीकांत की जान को खतरा है.
एसएफआई का कहना है कि स्थानीय बीजेपी विधायक मुनि स्वामी ने श्रीकांत का नाम लिया और यहीं से पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया. अब हम बेवजह के इस परेशानी से श्रीकांत को बचाने के लिए “सेव श्रीकांत” कैंपेन चला रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, विस्ट्रोन में काम करने वाले कर्मचारियों ने श्रीकांत से जब संपर्क साधा ताकि उन्हें वक्त पर सैलरी मिल जाए. उस वक्त ज़िले के बड़े अफसरों के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन की योजना बना रहा था. इस वजह से भी वो पुलिस की निगाह में आया.
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इस मामले में पुलिस अधिकारी सीमांत कुमार सिंह का कहना है कि अब तक हमने 167 लोगों को गिरफ्तार किया है. सीसीटीवी फुटेज की जांच चल रही है और इसी की बुनियाद पर आगे भी गिरफ्तारियां होंगी और जांच आगे बढ़ेगी. वहीं, जानकारों के मुताबिक, पुलिस से क्लीन चिट मिलने तक श्रीकांत अपनी हिफाजत के लिए कहीं छिप गया है. पुलिस ने हिंसा से जुड़े लोगों का पता लगाने के लिए 10 टीमें बनाई है. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का कहना है कि इस मामले पर प्रधानमंत्री की नजर है. मामला विदेशी निवेश को बढ़ावा देने का है और जिस प्लांट में हिंसा हुई वो ताइवान की कंपनी है.
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