भारत पाकिस्तान तनाव के बीच जम्मू कश्मीर में देर रात अलगाववादी नेता की गिरफ्तारी के बाद केंद्र सरकार ने बड़े पैमाने पर अर्धसैनिक बलों को घाटी में भेजा है. मिली जानकारी के मुताबिक गृह मंत्रालय ने अर्द्धसैनिक बलों की 100 टुकड़ियों को 'अर्जेंट नोटिस' पर घाटी में भेजा है. इसमें सीआरपीएफ की 35, बीएसएफ की 35, एसएसबी की 10 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां शामिल है. गृह मंत्रालय द्वारा जम्मू-कश्मीर के गृह सचिव, मुख्य सचिव और डीजीपी को भेजे गए फैक्स में कहा गया है कि घाटी में तत्काल प्रभाव से इन बलों की तैनाती की जानी है. 22 तारीख को भेजे गए इस फैक्स में सीआरपीएफ को इन बलों की तत्काल रवानगी की व्यवस्था करने को कहा गया है. इतने बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों की तैनाती क्यों की जा रही है इसका खुलासा नहीं किया गया है. लिहाजा अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.
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बता दें कि भारत की तरफ से पाकिस्तान पर बार-बार कड़ी कार्रवाई की बात कही जा रही है. पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू कश्मीर में तनाव बढ़ा है. खासकर हमले के दो दिन बाद ही पुलवामा के मास्टरमाइंड के मारे जाने के बाद सेना की चहलकदमी इन इलाकों में बढ़ी है. इसी दौरान जम्मू कश्मीर में मौजूद कई अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा को हटा दिया गया. और शुक्रवार देर रात यासीन मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया.
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यासीन मलिक की गिरफ्तारी के साथ दर्जन भर अन्य अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें जमात-ए-इस्लामी अलगाववादियों का प्रमुख अब्दुल हामिद फैयाज भी शामिल है. अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारी और बढ़ी सेना बल इशारा करती है कि आने वाले दिनों में सूबे में बड़ा घटनाक्रम हो सकता है. दरअसल आगामी 25-26 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35 A पर फैसला आना है. यदि सुप्रीम कोर्ट में इसे हटाने या फिर बदलाव की बात कही जाती है तो घाटी में बवाल हो सकता है. लिहाजा सरकार एतिहातन अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार कर रही है.
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