भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता योगेश वार्ष्णेय के बयान का जमकर विरोध हो रहा है.
नई दिल्ली:
भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता योगेश वार्ष्णेय के बयान का जमकर विरोध हो रहा है. संसद में भी जमकर विवाद देखने को मिला. समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद ने तल्ख अंदाज में बुधवार को कहा कि भाजपा गाय की तो सुरक्षा कर रही है, लेकिन महिलाओं की नहीं. उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों से वैमनस्य बढ़ता है. उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा "आप गायों की रक्षा कर सकते हैं जबकि महिलाओं को ज्यादतियों का सामना करना पड़ रहा है. कोई व्यक्ति इस तरह की बातें, खास कर महिला मुख्यमंत्री के खिलाफ कैसे कह सकता है वह भी तब जब महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं. क्या आप इस तरह महिलाओं की रक्षा करेंगे ?" भाजपा की रूपा गांगुली ने कहा कि वह भी एक महिला हैं और उन्हें पुलिस कर्मियों के सामने 17 लोगों ने पीटा था. उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री भी एक महिला हैं और उन्हें इसका जवाब देना चाहिए." कांग्रेस और सपा के साथ साथ वाम दलों ने भी इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस का समर्थन किया और बयान की निंदा की.
गौरतलब है कि भाजपा की युवा शाखा के एक नेता ने पश्चिम बंगाल में हनुमान जयंती पर एक रैली में नारे लगा रहे लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने के बाद एक कथित विवादित बयान दिया था. उन्होंने बयान में ममता बनर्जी का सिर काट कर लाने वाले को 11 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया था. इससे पहले,बसपा प्रमुख मायावती ने बयान की आलोचना करते हुए कहा कि एक महिला मुख्यमंत्री के खिलाफ ऐसा बयान देना आपत्तिजनक है. यह एक गंभीर मुद्दा है और भाजपा को न केवल बयान की निंदा करनी चाहिए बल्कि बयान देने वाले के खिलाफ कार्रवाई भी करनी चाहिए.
कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसे बयानों से शांति एवं सांप्रदायिक सौहार्द्र पर असर पड़ता है. उन्होंने बयान की निंदा करते हुए कहा कि सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा "आप गायों की रक्षा कर सकते हैं जबकि महिलाओं को ज्यादतियों का सामना करना पड़ रहा है. कोई व्यक्ति इस तरह की बातें, खास कर महिला मुख्यमंत्री के खिलाफ कैसे कह सकता है वह भी तब जब महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं. क्या आप इस तरह महिलाओं की रक्षा करेंगे ?" भाजपा की रूपा गांगुली ने कहा कि वह भी एक महिला हैं और उन्हें पुलिस कर्मियों के सामने 17 लोगों ने पीटा था. उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री भी एक महिला हैं और उन्हें इसका जवाब देना चाहिए." कांग्रेस और सपा के साथ साथ वाम दलों ने भी इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस का समर्थन किया और बयान की निंदा की.
गौरतलब है कि भाजपा की युवा शाखा के एक नेता ने पश्चिम बंगाल में हनुमान जयंती पर एक रैली में नारे लगा रहे लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने के बाद एक कथित विवादित बयान दिया था. उन्होंने बयान में ममता बनर्जी का सिर काट कर लाने वाले को 11 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया था. इससे पहले,बसपा प्रमुख मायावती ने बयान की आलोचना करते हुए कहा कि एक महिला मुख्यमंत्री के खिलाफ ऐसा बयान देना आपत्तिजनक है. यह एक गंभीर मुद्दा है और भाजपा को न केवल बयान की निंदा करनी चाहिए बल्कि बयान देने वाले के खिलाफ कार्रवाई भी करनी चाहिए.
कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसे बयानों से शांति एवं सांप्रदायिक सौहार्द्र पर असर पड़ता है. उन्होंने बयान की निंदा करते हुए कहा कि सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए.
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