नई दिल्ली:
राष्ट्रीय राजधानी और पड़ोसी राज्यों में पुलिस सुरक्षा के लिए, विशेषकर गणतंत्र दिवस समारोहों के मद्देनजर प्रमुख खतरा माने जाने वाले 'ड्रोन' पर करीबी नजर रखेगी। अंतर-राज्य समन्वय बैठक में ड्रोन का मुद्दा प्रमुखता से उठा।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस प्रमुख बीएस बस्सी ने अपने बल और पड़ोसी राज्यों के पुलिस विभागों से ड्रोनों पर करीबी नजर रखने को कहा है, क्योंकि उन्हें सुरक्षा के लिए विशेषकर गणतंत्र दिवस समारोहों के मद्देनजर प्रमुख खतरा माना जा रहा है।
करीब तीन महीना पहले इंदिरा गांधी हवाई अड्डे के पास एक यूएवी देखे जाने के बाद यह मामला प्रमुखता से उठाया गया। पुलिस उस मामले में यूएवी के स्रोत या उसके संचालक का पता नहीं लगा सकी। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने इस संबंध में कोई जानकारी देने पर एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी। अंतर-राज्य समन्वय बैठक इसी गुरुवार को हुई और बस्सी ने इसकी अध्यक्षता की। बैठक में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड के पुलिस विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैठक का मुख्य मकसद आतंकवाद और उग्रवाद से जुड़ी जानकारी साझा करना, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों पर काबू पाना और गणतंत्र दिवस के मद्देनजर विभिन्न पहुलओं में बेहतर तालमेल बनाना था। पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में इंटरनेट कैफे, होटल, गेस्ट हाउस और किराएदारों के रिकॉर्ड की जांच की प्रक्रिया पहले ही तेज कर दी है। उन्होंने बताया कि इस साल यह अभियान, जो हर साल गणतंत्र दिवस के पहले नियमित प्रक्रिया है, पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर अधिक तीव्रता से चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस साल दिल्ली पुलिस ने शहर की सीमाओं पर विशेष जोर दिया है और कमांडो की विशेष टीमों को तैनात किया गया है। बल ने दो सौ डिटिजल कैमरे हासिल किए हैं. जिनसे तस्वीरों की बारीक जानकारी मिल सकती है। इन कैमरों को राजपथ के आसपास के स्थानों पर लगाए जाएंगे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस प्रमुख बीएस बस्सी ने अपने बल और पड़ोसी राज्यों के पुलिस विभागों से ड्रोनों पर करीबी नजर रखने को कहा है, क्योंकि उन्हें सुरक्षा के लिए विशेषकर गणतंत्र दिवस समारोहों के मद्देनजर प्रमुख खतरा माना जा रहा है।
करीब तीन महीना पहले इंदिरा गांधी हवाई अड्डे के पास एक यूएवी देखे जाने के बाद यह मामला प्रमुखता से उठाया गया। पुलिस उस मामले में यूएवी के स्रोत या उसके संचालक का पता नहीं लगा सकी। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने इस संबंध में कोई जानकारी देने पर एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी। अंतर-राज्य समन्वय बैठक इसी गुरुवार को हुई और बस्सी ने इसकी अध्यक्षता की। बैठक में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड के पुलिस विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
(प्रतीकात्मक चित्र)
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैठक का मुख्य मकसद आतंकवाद और उग्रवाद से जुड़ी जानकारी साझा करना, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों पर काबू पाना और गणतंत्र दिवस के मद्देनजर विभिन्न पहुलओं में बेहतर तालमेल बनाना था। पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में इंटरनेट कैफे, होटल, गेस्ट हाउस और किराएदारों के रिकॉर्ड की जांच की प्रक्रिया पहले ही तेज कर दी है। उन्होंने बताया कि इस साल यह अभियान, जो हर साल गणतंत्र दिवस के पहले नियमित प्रक्रिया है, पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर अधिक तीव्रता से चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस साल दिल्ली पुलिस ने शहर की सीमाओं पर विशेष जोर दिया है और कमांडो की विशेष टीमों को तैनात किया गया है। बल ने दो सौ डिटिजल कैमरे हासिल किए हैं. जिनसे तस्वीरों की बारीक जानकारी मिल सकती है। इन कैमरों को राजपथ के आसपास के स्थानों पर लगाए जाएंगे।
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