पूर्व विदेशमंत्री नटवर सिंह द्वारा अपनी पुस्तक में की गई टिप्पणी के जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि वह खुद भी एक किताब लिखेंगी, जिससे सब सच जान सकेंगे।
एनडीटीवी से खास बातचीत के दौरान सोनिया गांधी ने कहा, "मैं खुद किताब लिखूंगी, और तब हर व्यक्ति सच्चाई जानेगा... मैं इसे (किताब लिखने को) लेकर गंभीर हूं, और मैं लिखूंगी..."
उल्लेखनीय है कि पूर्व विदेशमंत्री नटवर सिंह ने बुधवार को दावा किया था कि वर्ष 2004 में सोनिया गांधी ने 'अंतरात्मा की आवाज सुनकर' नहीं, बल्कि अपने बेटे राहुल गांधी के कड़े एतराज के बाद प्रधानमंत्री बनने से इनकार किया था। नटवर सिंह के मुताबिक राहुल गांधी ने ऐसा इसलिए किया था, क्योंकि उन्हें डर था कि अगर सोनिया प्रधानमंत्री पद स्वीकार लेंगी, तो उनके पिता और दादी की तरह उनकी भी हत्या की जा सकती है।
वैसे, एक समय गांधी परिवार के दोस्त माने जाने वाले 83-वर्षीय नटवर सिंह ने वर्ष 2008 में, यानि यूपीए-1 के दौरान इराक के अनाज के बदले तेल घोटाले की पृष्ठभूमि में कांग्रेस छोड़ दी थी।
इन आरोपों को लेकर सोनिया गांधी ने कहा, "इस तरह के आरोपों से अब मुझे कोई तकलीफ नहीं होती, क्योंकि मैं अपनी सास का गोलियों से छलनी हुआ शरीर देख चुकी हूं, अपने पति का शव देख चुकी हूं... मैं इस तरह की बातों से दुखी होने से ऊपर उठ चुकी हूं..."
नटवर सिंह के बारे में बात करने पर कांग्रेस अध्यक्ष का कहना था, "उन्हें जो कहना-करना है, वे करते रहें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता... उन्हें अगर इन कामों से खुशी मिलती है, तो वे करते रह सकते हैं... लेकिन मुझे इनसे कोई तकलीफ नहीं होती, क्योंकि मुझे इन सबकी आदत पड़ चुकी है..."
पूर्व कांग्रेसी नेता नटवर सिंह की टिप्पणी पर मनमोहन सिंह ने कहा, मैंने सोनिया गांधी को कोई फाइल नहीं दिखाई, निजी बातचीत सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए
उल्लेखनीय है कि पूर्व विदेशमंत्री नटवर सिंह अपनी किताब में लिखा है कि राहुल किसी भी कीमत पर नहीं चाहते थे कि सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बने। राहुल को डर था कि उनकी मां की भी दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी की तरह हत्या कर दी जाएगी। नटवर सिंह ने यह भी दावा किया है कि बीती 7 मई को प्रियंका उनसे महिला मुफ्ती की पोशाक में मिलीं और इस बात की गुजारिश की कि वह 2004 के सोनिया प्रकरण का जिक्र किताब में न करें। नटवर सिंह का यह भी दावा है कि सोनिया ने उनके साथ हुए बर्ताव के लिए माफी मांगी।
किताब में लिखा गया है कि सोनिया की पहुंच सरकार की तमाम अहम फाइलों तक थी और सारे जरूरी फैसले 10 जनपथ पर लिए जाते थे। नटवर सिंह के मुताबिक, पार्टी पर सोनिया गांधी का नियंत्रण इंदिरा गांधी से ज्यादा था। उनकी हर बात पार्टी के लिए कानून थी। राजीव सरकार में मंत्री रह चुके नटवर दावा करते हैं कि सोनिया गांधी राजीव से भी बेहतर नेता हैं।
इस पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, मैंने सोनिया गांधी को कोई फाइल नहीं दिखाई, निजी बातचीत सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए
यूपीए सरकार में विदेशमंत्री रहे 83 साल के नटवर सिंह को 2005 में तेल के बदले अनाज घोटाले में नाम आने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद 2008 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी ।
कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने इस बारे में कहा कि यह उनका कथन है। पार्टी से बाहर जाकर 9-10 साल बाद उन्होंने ये कहा। दोनों तरफ की बात होती है। किताब आए लोग पढ़ें, उसके प्रचार के लिए भी ऐसा हो सकता है।
एनसीपी नेता डीपी त्रिपाठी ने कहा कि नटवर सिंह शिक्षित राजनेता हैं। नेहरू जी के समय से संबंध हैं, इंदिरा जी, राजीव जी और सोनिया जी के समय में भी रहे। उन्होंने गलत नहीं लिखा होगा।
बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कांग्रेस का चेहरा बेनकाब हो गया है। हम और मोदी जी जो कहते थे कि मां-बेटे के हाथों में सत्ता है, वही साबित हुआ।
सीपीआई नेता अतुल अंजान ने कहा कि जब वो विदेश सचिव थे, बुद्धिमान थे, कांग्रेस में आने पर (दिमाग) गिरवी रख दिया। पहले कहते थे कि लीडर इस राइट, माई फ्यूचर इस ब्राइट। आज कहते हैं कि लीडर इस रॉन्ग, माई फ्यूचर इज नॉट गुड
बसपा नेता मायावती ने कहा कि उन्होंने (नटवर सिंह) अपनी किताब का संदर्भ देकर जो कुछ भी कांग्रेस अध्यक्ष के बारे में कहा, उसका जवाब उनके मंत्री दे रहे हैं। वही उचित होगा।
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