यह ख़बर 27 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

गैर तेलंगाना क्षेत्र के मंत्रियों, सांसदों ने किया आंध्र विभाजन का विरोध

खास बातें

  • कांग्रेस और संप्रग सरकार के पृथक तेलंगाना राज्य के गठन की दिशा में बढ़ने के बीच आंध्र और रायलसीमा क्षेत्र के मंत्रियों और सांसदों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात कर आंध्र प्रदेश के किसी तरह के विभाजन का विरोध किया।
नई दिल्ली:

कांग्रेस और संप्रग सरकार के पृथक तेलंगाना राज्य के गठन की दिशा में बढ़ने के बीच आंध्र और रायलसीमा क्षेत्र के मंत्रियों और सांसदों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात कर आंध्र प्रदेश के किसी तरह के विभाजन का विरोध किया।

केन्द्रीय मंत्री एमएम पल्लम राजु, केएस राव, चिरंजीव और डी पुरंदेश्वरी तथा सांसद बापीराजु और अनंतरामी रेड्डी ने एक प्रतिनिधिमंडल के रूप में प्रधानमंत्री से मुलाकात की और एकीकृत आंध्र प्रदेश को यथावत बनाए रखने की वकालत की।

सूत्रों के अनुसार प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री से कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य का गठन राज्य और देश के हित में नहीं होगा।

शुक्रवार को पृथक तेलंगाना राज्य के गठन की मांग के मुद्दे पर कांग्रेस नेतृत्व और राज्य कांग्रेस नेतृत्व के बीच उच्चस्तरीय बातचीत हुई थी। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कोर ग्रुप की भी बैठक हुई जिसमें इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई।

कांग्रेस महासचिव और आंध्र प्रदेश मामलों के प्रभारी दिग्विजय सिंह और पूर्व प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने आंध प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी, उपमुख्यमंत्री दामोदर राजनरसिंहा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख बोत्सा सत्यनारायण से अलग-अलग बातचीत की।

समझा जाता है कि इन दोनों नेताओं ने राज्य नेतृत्व को यह बता दिया है कि पार्टी ने पृथक तेलंगाना राज्य के गठन पर अपना मन बना लिया है और इसकी घोषणा अब केवल समय की बात रह गई है।

दूसरी ओर, प्रदेश के आसन्न बंटवारे के विरोध में राज्य के रायलसीमा और आंध्र क्षेत्रों में शनिवार को विरोध प्रदर्शन हुए।

विभिन्न राजनीतिक, गैर राजनीतिक संगठनों और छात्रों ने रैली निकाली, मानव शृंखला बनाई और सीमांध्र के कुछ हिस्सों में बंद का आयोजन किया। राज्य के दोनों क्षेत्रों को एक साथ सीमांध्र कहा जाता है।

सामाख्या आंध्र या एकजुट आंध्र छात्र संयुक्त समिति की ओर से आहूत बंद के कारण शिक्षण संस्थान बंद रहे।

कांग्रेस कोर समिति की शुक्रवार की बैठक में तेलंगाना को पृथक राज्य के रूप में अलग करने पर सैद्धांतिक सहमति बनने का संकेत उभर कर सामने आने के एक दिन बाद तटीय आंध्र के शहरों और रायलसीमा के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया है।

नेल्लौर में सैकड़ों छात्र रैली में शामिल हुए और केंद्र सरकार से राज्य के बंटवारे का प्रयास टालने की मांग की। कांग्रेस विधायक अनाम विवेकानंद रेड्डी ने भी रैली को संबोधित किया।

अनंतपुर में प्रदर्शनकारियों ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) विधायक पी. केशव के घर का घेराव किया और संयुक्त राज्य के समर्थन में उनके इस्तीफे की मांग की। उन्होंने आश्वासन दिया कि कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की प्रस्तावित बैठक के फैसले के बाद वह अपने फैसले की घोषणा करेंगे। सीडब्ल्यूसी की बैठक में ही तेलंगाना की मांग पर अंतिम फैसला लिए जाने की संभावना है।

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राज्य के बंटवारे का विरोध करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कड़प्पा में धर्मदाय मंत्री सी. रामचंद्रैया के आवास का भी घेराव किया।