राजधानी में रोक के बावजूद चल रही वेब कैब के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि एप वाली कैब कंपनियों की वेबसाइट क्यों बंद नहीं की जा सकती। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए दिल्ली पुलिस की एक शाखा भी है। हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि सरकार ने दिसंबर में दिल्ली में चलने वाली ऐसी सभी कंपनियों पर रोक लगा दी थी, जो सरकार से रजिस्टर्ड नहीं है।
इसके बावजूद ये वेबसाइट और कंपनियां काम कर रही हैं। यहां तक की बैन के बाद भी कैब ऑपरेट कर रही हैं, हालांकि सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि इस मामले में लगातार कार्रवाई की जा रही है और ऐसी कैब को जब्त किया जा रहा है, लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि इन कंपनियों की वेबसाइटों को भी ब्लॉक किया जाना चाहिए। लिहाजा सरकार 25 फरवरी तक बताए कि इसके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि 5 दिसंबर को दिल्ली में उबर कैब में ड्राइवर ने गुड़गांव की कंपनी में काम करने वाली युवती से रेप किया था, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने उबर पर रोक लगा दी थी। सरकार ने 1 जनवरी को जारी किए नियमों के तहत वेब वाली कैब कंपनियों पर रोक लगा दी थी, हालांकि सरकार ने बाद में नियमों में बदलाव कर घोषणा की कि रजिस्ट्रेशन के बाद दिल्ली में कैब सर्विस चलाई जा सकती है।
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