पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल
उदयपुर:
गुजरात में जेल से आजाद होने के पांच दिनों बाद तक हार्दिक पटेल सुर्खियों में बने हुए हैं। कोर्ट ने उन्हें 48 घंटों के अंदर राज्य छोड़ने की शर्त पर जमानत दी थी और उनका कहना है कि इस मोहलत में उन्होंने 14 जिलों की यात्रा की और 40 लाख लोगों से मिले।
गुजरात छोड़ने के बाद इस वक्त उदयपुर में रह रहे पटेल ने अपने 23वें जन्मदिन से पहले कहा कि वह पीएम नरेंद्र मोदी और सत्ताधारी बीजेपी के कट्टर विरोधियों से मिल रहे राजनीतिक प्रस्तावों का आंकलन करने में ही व्यस्त हैं।
हार्दिक पटेल ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, 'हर पार्टी मुझे अपने संभावित साझेदार की तरह देखती है, (लेकिन) मैं बस देख रहा हूं।' गुजरात के छह महीने से निर्वासन झेल रहे पटेल कहते है कि उन्हें महाराष्ट्र में उद्धव और आदित्य ठाके से बुलावा आया, लेकिन वह वहां जाएंगे नहीं, उत्तर प्रदेश से प्रशांत किशोर ने भी उन्हें फोन किया था, और वह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से प्रभावित हैं।
साल 2014 के आम चुनाव में बीजेपी के चुनावी अभियान पर काम कर चुके प्रशांत किशोर इन दिनों उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रमुख रणनीतिकार हैं। राज्य में ब्राह्मण चेहरे को आगे लाने की किशोर की मांग पर ही पार्टी ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को यूपी में सीएम प्रत्याशी घोषित किया। कुर्मी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले हार्दिक बताते हैं कि प्रशांत किशोर ने उन्हें फोन किया था। यूपी में यह कृषक समुदाय राजनीतिक रूप से खासा ताकतवर माना जाता है।
पटेल साथ ही कहते हैं कि पंजाब और गुजरात में अपनी राजनीतिक जमीन तैयार कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दो वर्षों में अच्छा काम किया है।
हार्दिक पटेल बताते हैं कि उन्हें शिवसेना प्रमुख उद्धव और आदित्य ठाकरे ने भी न्योता दिया था, लेकिन उन्होंने महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार चला रही इस पार्टी का न्योत ठुकरा दिया।
हार्दिक पटेल भी पीएम मोदी की उनके विरोधियों जैसी ही आलोचना करते हैं और कहते हैं- 'वह एक 'NRI पीएम' है, जो विदेश में ही ज्यादा वक्त बिताते हैं और उन्हें अपने 56 इंच के सीने पर बात करने की बजाये खुदकुशी कर रहे किसानों की फिक्र करनी चाहिए।'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गुजरात छोड़ने के बाद इस वक्त उदयपुर में रह रहे पटेल ने अपने 23वें जन्मदिन से पहले कहा कि वह पीएम नरेंद्र मोदी और सत्ताधारी बीजेपी के कट्टर विरोधियों से मिल रहे राजनीतिक प्रस्तावों का आंकलन करने में ही व्यस्त हैं।
हार्दिक पटेल ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, 'हर पार्टी मुझे अपने संभावित साझेदार की तरह देखती है, (लेकिन) मैं बस देख रहा हूं।' गुजरात के छह महीने से निर्वासन झेल रहे पटेल कहते है कि उन्हें महाराष्ट्र में उद्धव और आदित्य ठाके से बुलावा आया, लेकिन वह वहां जाएंगे नहीं, उत्तर प्रदेश से प्रशांत किशोर ने भी उन्हें फोन किया था, और वह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से प्रभावित हैं।
साल 2014 के आम चुनाव में बीजेपी के चुनावी अभियान पर काम कर चुके प्रशांत किशोर इन दिनों उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रमुख रणनीतिकार हैं। राज्य में ब्राह्मण चेहरे को आगे लाने की किशोर की मांग पर ही पार्टी ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को यूपी में सीएम प्रत्याशी घोषित किया। कुर्मी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले हार्दिक बताते हैं कि प्रशांत किशोर ने उन्हें फोन किया था। यूपी में यह कृषक समुदाय राजनीतिक रूप से खासा ताकतवर माना जाता है।
पटेल साथ ही कहते हैं कि पंजाब और गुजरात में अपनी राजनीतिक जमीन तैयार कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दो वर्षों में अच्छा काम किया है।
हार्दिक पटेल बताते हैं कि उन्हें शिवसेना प्रमुख उद्धव और आदित्य ठाकरे ने भी न्योता दिया था, लेकिन उन्होंने महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार चला रही इस पार्टी का न्योत ठुकरा दिया।
हार्दिक पटेल भी पीएम मोदी की उनके विरोधियों जैसी ही आलोचना करते हैं और कहते हैं- 'वह एक 'NRI पीएम' है, जो विदेश में ही ज्यादा वक्त बिताते हैं और उन्हें अपने 56 इंच के सीने पर बात करने की बजाये खुदकुशी कर रहे किसानों की फिक्र करनी चाहिए।'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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