दिल्ली के जमा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सहारनपुर के देवबंद के तार पिछले दिनों आतंकवाद से जुड़े दिखाई दिए थे, जब एटीएस ने बांग्लादेश के कुछ संदिग्ध आतंकियों को देवबंद और आसपास के इलाके से गिरफ्तार किया था, जिनके पास से फर्ज़ी पासपोर्ट तथा अन्य दस्तावेज़ बरामद हुए थे. इस मामले के बाद अब सहारनपुर पुलिस फूंक-फूंककर कदम रख रही है, और उन्होंने इलाके में रहने वाले हर शख्स के पासपोर्ट को दोबारा चेक करवाने का फैसला किया है. एसएसपी बबलू कुमार ने इस संदर्भ में स्थानीय खुफिया टीम (LIU) तथा स्थानीय पुलिस को आदेश दे दिया है. एसएसपी के मुताबिक, एटीएस द्वारा धरे गए आतंकियों के पास से भारतीय पासपोर्ट व अन्य दस्तावेज़ बरामद हुए थे, जिन पर देवबंद का ही पता था, सो, इसी वजह से यह जांच करवाई जा रही है.
जानिए इस मामले में क्या कहते हैं मुस्लिम धर्मगुरु...
सैयद अहमद बुखारी, शाही इमाम जमा मस्जिद, दिल्ली
हुकूमत को अगर किसी बात का पता लगाना होता है तो विभिन्न एजेंसियों के ज़रिये पूरी तफतीश करा सकती है. लेकिन सहारनपुर में पासपोर्ट की दोबारा जांच करना समझ से बाहर की बात है. जांच का आदेश देकर खुद सरकार अपनी एजेंसियों या खुद पर सवाल खड़ा कर रही है. बिना जांच पासपोर्ट नहीं बनता. जांच तो सिर्फ बहाना है, दरअसल गुजरात इलेक्शन से पहले माहौल ख़राब करने की कोशिश है. सरकार मुसलमानों पर सवाल खड़ा कर रही है जो निंदनीय है, इस मामले से मुसलमान दहशत में हैं.
मौलाना अतहर देहलवी
पासपोर्ट केंद्र सरकार के तहत आता है. सुषमा स्वराज ने कहा था कि भारत में पासपोर्ट बनवाना बहुत आसान हो गया है लेकिन बनाने की प्रक्रिया में जांच के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा का पूरा धयान रखा गया है. ये मामला केंद्र सरकार के तहत आता है. पासपोर्ट की जांच सिर्फ राज्य सरकार करती है. ये पूरी तरह से सियासी मामला है जिसका इस्तेमाल एक तबके को भ्रमित किया जायेगा और एक को भयभीत. तत्काल केंद्र सरकार को संज्ञान में लेना चाहिए, अगर कहीं पासपोर्ट बनने में उल्लंघन पाया गया हो तो ज़रूर कार्रवाई होनी चाहिए अन्यथा अगर सियासत हो तो रोका जाये.
मौलाना मोहम्मद रफ़ीक क़ासमी सचिव जमात ए इस्लामी हिन्द
सहारनपुर में दोबारा पासपोर्ट की जांच करना हुकूमत और एजेंसियों की नाकामी साबित कर रही है. जब किसी का पासपोर्ट बनाया जाता है तो उसकी पूरी तरफ से जांच की जाती है. एजेंसियां हर तरह से जांच करती हैं, लेकिन सिर्फ सहारनपुर में जांच करना मुनासिब नहीं. इससे मुसलमानो में खौफ पैदा करना ही इनका मक़सद है जो निंदनीय है.
VIDEO: देवबंद के आसपास पुलिस पासपोर्ट धारकों की कर रही है जांच
मौलाना खालिद रशीदी, इमाम, लखनऊ ईदगाह
ये अपने आप में अजीबोगरीब मामला है कि सिर्फ देवबंद में ही पासपोर्ट की जांच की जाएगी जबकि पासपोर्ट बनने से पहले इसकी जांच विभाग द्वारा उच्चस्तर से कराई जाती है. इसको लेकर लोगों के ज़हन में तरह तरह के शक पैदा हो रहे हैं. अगर जांच करना ही था तो पूरे राज्य में जांच का आदेश करना चाहिए था. इसको लेकर मुसलमानों के मन में काफी बेचैनी है. सरकार को इस मामले में अपना रुख साफ़ करना चाहिए.
मक़सूद उल हसन क़ासमी, चेयरमैन, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल
गैर ज़रूरी तौर पर जांच का आदेश देना दरअसल मुसलमानों का उत्पीड़न करने का साज़िश है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुसलमानों को डराया धमकाया जा रहा है जो बहुत गलत है, जबकि हमारे देश में गैर क़ानूनी सरगरमियां, आरडीएक्स, नकली नोट सहित बहुत सारे अवैध काम नेपाल बार्डर से खुलेआम किया जा रहा है. सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है. हमरी सरकार को सुरक्षा व्यवस्था से कोई लेना देना नहीं है, अगर होता तो नेपाल सीमा पर ओपन बॉर्डर पॉलिसी को ख़त्म करना चाहिए था, इस तरह के जांच के आदेश से मदरसों को निशाने पर लेने की साज़िश है.
जानिए इस मामले में क्या कहते हैं मुस्लिम धर्मगुरु...
सैयद अहमद बुखारी, शाही इमाम जमा मस्जिद, दिल्ली
हुकूमत को अगर किसी बात का पता लगाना होता है तो विभिन्न एजेंसियों के ज़रिये पूरी तफतीश करा सकती है. लेकिन सहारनपुर में पासपोर्ट की दोबारा जांच करना समझ से बाहर की बात है. जांच का आदेश देकर खुद सरकार अपनी एजेंसियों या खुद पर सवाल खड़ा कर रही है. बिना जांच पासपोर्ट नहीं बनता. जांच तो सिर्फ बहाना है, दरअसल गुजरात इलेक्शन से पहले माहौल ख़राब करने की कोशिश है. सरकार मुसलमानों पर सवाल खड़ा कर रही है जो निंदनीय है, इस मामले से मुसलमान दहशत में हैं.
मौलाना अतहर देहलवी
पासपोर्ट केंद्र सरकार के तहत आता है. सुषमा स्वराज ने कहा था कि भारत में पासपोर्ट बनवाना बहुत आसान हो गया है लेकिन बनाने की प्रक्रिया में जांच के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा का पूरा धयान रखा गया है. ये मामला केंद्र सरकार के तहत आता है. पासपोर्ट की जांच सिर्फ राज्य सरकार करती है. ये पूरी तरह से सियासी मामला है जिसका इस्तेमाल एक तबके को भ्रमित किया जायेगा और एक को भयभीत. तत्काल केंद्र सरकार को संज्ञान में लेना चाहिए, अगर कहीं पासपोर्ट बनने में उल्लंघन पाया गया हो तो ज़रूर कार्रवाई होनी चाहिए अन्यथा अगर सियासत हो तो रोका जाये.
मौलाना मोहम्मद रफ़ीक क़ासमी सचिव जमात ए इस्लामी हिन्द
सहारनपुर में दोबारा पासपोर्ट की जांच करना हुकूमत और एजेंसियों की नाकामी साबित कर रही है. जब किसी का पासपोर्ट बनाया जाता है तो उसकी पूरी तरफ से जांच की जाती है. एजेंसियां हर तरह से जांच करती हैं, लेकिन सिर्फ सहारनपुर में जांच करना मुनासिब नहीं. इससे मुसलमानो में खौफ पैदा करना ही इनका मक़सद है जो निंदनीय है.
VIDEO: देवबंद के आसपास पुलिस पासपोर्ट धारकों की कर रही है जांच
मौलाना खालिद रशीदी, इमाम, लखनऊ ईदगाह
ये अपने आप में अजीबोगरीब मामला है कि सिर्फ देवबंद में ही पासपोर्ट की जांच की जाएगी जबकि पासपोर्ट बनने से पहले इसकी जांच विभाग द्वारा उच्चस्तर से कराई जाती है. इसको लेकर लोगों के ज़हन में तरह तरह के शक पैदा हो रहे हैं. अगर जांच करना ही था तो पूरे राज्य में जांच का आदेश करना चाहिए था. इसको लेकर मुसलमानों के मन में काफी बेचैनी है. सरकार को इस मामले में अपना रुख साफ़ करना चाहिए.
मक़सूद उल हसन क़ासमी, चेयरमैन, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल
गैर ज़रूरी तौर पर जांच का आदेश देना दरअसल मुसलमानों का उत्पीड़न करने का साज़िश है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुसलमानों को डराया धमकाया जा रहा है जो बहुत गलत है, जबकि हमारे देश में गैर क़ानूनी सरगरमियां, आरडीएक्स, नकली नोट सहित बहुत सारे अवैध काम नेपाल बार्डर से खुलेआम किया जा रहा है. सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है. हमरी सरकार को सुरक्षा व्यवस्था से कोई लेना देना नहीं है, अगर होता तो नेपाल सीमा पर ओपन बॉर्डर पॉलिसी को ख़त्म करना चाहिए था, इस तरह के जांच के आदेश से मदरसों को निशाने पर लेने की साज़िश है.
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