सीबीआई ने करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड घोटाले में पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा को गिरफ्तार कर लिया। मामले में दो सांसदों की गिरफ्तारी के बाद मंत्री की यह गिरफ्तारी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब हो सकती है।
हालांकि टीएमसी ने इस गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है। मित्रा को शारदा रियलिटी से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया।
उन पर आपराधिक साजिश, धन की अनियमितता के साथ ही शारदा समूह से गैर-वाजिब वित्तीय लाभ लेने के आरोप लगाए गए हैं। मित्रा से सीबीआई के साल्ट लेक सीजीओ परिसर में पांच घंटे तक गहन पूछताछ करने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। पश्चिम बंगाल सरकार ने मदन मित्रा की गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसकी निंदा की है। राज्य सरकार में मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि ऐसा करके बीजेपी बदले की राजनीति कर रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य के एक कैबिनेट मंत्री को गिरफ्तार करने से पहले राज्य सरकार और विधानसभा अध्यक्ष को अंधेरे में कैसे रखा जा सकता है। सीबीआई ने सुदीप्त सेन और शारदा समूह के कानूनी सलाहकर नरेश बलोडिया को इसी मामले में आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी और धन की अनियमितता के आरोप में गिरफ्तार किया।
बलोडिया ने उस पत्र का मसौदा तैयार किया था, जिसे सुदीप्त सेन ने सीबीआई को भेजा। सीबीआई इससे पहले टीएमसी के दो सांसदों कुणाल घोष और शृंजॉय बोस को शारदा घोटाले में गिरफ्तार कर चुकी है।
निलंबित तृणमूल सांसद कुणाल घोष और पार्टी के उपाध्यक्ष रजत मजूमदार पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। सीबीआई पश्चिम बंगाल और ओडिशा में इस घोटाले की जांच में जुटी हुई है।
(इनपुट भाषा से भी)
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