केंद्र के साथ विवाद के बीच बंगाल के मुख्य सचिव ने दिया इस्तीफा, 'टीम ममता' से जुड़े

तूफान यास को लेकर हुई बैठक के विवाद के बाद कार्मिक मंत्रालय ने बंदोपाध्याय (Alapan Bandopadhyay) को केंद्र सरकार की सेवा में भेजने का निर्देश जारी किया था. लेकिन ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की सरकार ने उन्हें कार्यमुक्त करने से मना कर दिया था.

केंद्र के साथ विवाद के बीच बंगाल के मुख्य सचिव ने दिया इस्तीफा, 'टीम ममता' से जुड़े

Mamata Banerjee ने PM Modi पर जोरदार हमला बोला

केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार में टकराव के बीच पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलप्पन बंदोपाध्याय (West Bengal Government's Chief Secretary) ने पद और सिविल सेवा से इस्तीफा दे दिया है और वे 'टीम ममता' से जुड़ गए हैं. केंद्र सरकार द्वारा 31 मई तक दिल्ली आने के फरमान के बीच यह फैसला लिया गया. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बंदोपाध्याय को तीन साल के लिए अपना मुख्य सलाहकार (Chief Advisor) नियुक्त किया है. ममता ने इस फैसले के साथ साफ संकेत दिया कि वे इस सियासी टकराव के बीच झुकने वाली नहीं हैं. हालांकि केंद्र के रुख से संकेत मिलता है कि तूफान यास को लेकर पश्चिम बंगाल में हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक से ममता बनर्जी की गैरहाजिरी का मसला अभी ठंडा नहीं पड़ा है. केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा है कि आदेश का उल्लंघन करने के कारण बंदोपाध्याय को चार्जशीट का सामना करना पड़ेगा.एचके द्विवेदी अब बंगाल के नए मुख्य सचिव नियुक्त किए गए हैं.

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ममता बनर्जी ने शह-मात के इस सियासी खेल के बीच केंद्र सरकार पर हमला भी बोला. ममता ने कहा कि यह प्रतिशोध की राजनीति है. ऐसा क्रूर व्यवहार उन्हें कभी नहीं देखा. वो ममता बनर्जी पर हमला करना चाहते थे, इसलिए मुख्य सचिव को निशाना बनाया गया. ममता बनर्जी ने दो टूक कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकार की सहमति के बिना किसी अफसर को वापस अपनी प्रतिनियुक्ति में लेने के लिए मजबूर नहीं कर सकती. बंगाल के मुख्य सचिव को दिल्ली आकर 31 मई तक रिपोर्ट करने के अल्टीमेटम पर उन्होंने यह तीखी प्रतिक्रिया दी. ममता बनर्जी ने कहा, हमारे मुख्य सचिव अलप्पन बंदोपाध्याय आज रिटायर हो गए हैं, लेकिन वे मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार के तौर पर 3 साल तक सेवाएं देंगे.

ममता ने कहा कि आपने इस बारे में कोई विचार-विमर्श राज्य से नहीं किया गया. केंद्र शायद यह नहीं जानता है कि बंदोपाध्याय ने सेवानिवृत्ति ले ली है और अब वह केंद्र सरकार की सेवा के लिए उपलब्ध नहीं हैं. लेकिन कोरोना महामारी के कारण उनकी हमें जरूरत है.कोविड और साइक्लोन यास को देखते हुए उनकी गरीबों की सेवा जारी रखने की आवश्यकता है. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी नौकरशाहों के साथ बंधुआ मजदूरों की तरह सलूक करते हैं. अगर पूरी जिंदगी काम के प्रति समर्पित नौकरशाह का अपमान किया जाता है तो केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री क्या संदेश देना चाहते हैं. बंगाली कैडर के कई अफसर केंद्र सरकार में हैं. क्या मैं उन्हें बिना सलाह-मशविरे के बुला सकती हूं. बेहद नाराज ममता ने कहा, आप नौकरशाही को डराना चाहते हैं. हम डरते नहीं हैं. हम आपसे नहीं डरते हैं. जो डरते हैं वो टूट जाते हैं, हम लड़ेंगे और जीतेंगे.

ममता बनर्जी ने यहां तक कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह तानाशाह हिटलर और स्टालिन की तरह व्यवहार कर रहे हैं. ममता ने कहा कि वो सभी राज्य सरकारों, विपक्षी नेताओं, आईएएस-आईपीएस अफसरों और एनजीओ से एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील कर रही हैं. 

गौरतलब है कि तूफान यास (Cyclone Yaas PM Modi Meet) को लेकर दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी. लेकिन सरकार के सूत्रों का कहना है कि ममता बनर्जी और मुख्य सचिव बंदोपाध्याय ने उन्हें 30 मिनट तक इंतजार कराया.ममता बनर्जी चक्रवात संबंधी दस्तावेज पेश करने के बाद दूसरे कार्यक्रम का हवाला देकर वहां से चली भी गईं.

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इसके अगले ही दिन कार्मिक मंत्रालय ने चिट्ठी लिखकर बंदोपाध्याय को कार्यमुक्त करके वापस केंद्र सरकार की सेवा में भेजने का निर्देश जारी किया था. लेकिन ममता बनर्जी की सरकार ने उन्हें कार्यमुक्त करने से मना कर दिया था. केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले ही बंदोपाध्याय को तीन महीने का सेवा विस्तार दिया था.