दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल...
नई दिल्ली:
पंजाब में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने अपना सबसे बड़ा दांव खेल दिया है. मनीष सिसोदिया ने मोहाली की एक रैली के दौरान कहा कि आप ये मान कर चलें कि पंजाब के मुख्यमंत्री तो अरविंद केजरीवाल ही बनने वाले हैं. सिसोदिया के इस दावे को पंजाब में सीएम के चेहरे के तौर पर केजरीवाल को आगे करने के रूप में भी समझा जा रहा है.
सिसोदिया के बयान के तुरंत बाद कैप्टन अमरिंदर और सुखबीर सिंह बादल ने केजरीवाल पर तीखा हमला बोलते हुए पंजाब के हितों के खिलाफ बताया. खास बात यह है कि पंजाब में AAP के प्रमुख चेहरे को तौर पर पिछले कई महीनों से काम कर रहे भगवंत मान भी कई रैलियों में खुद को सीएम उम्मीदवार के तौर पर पेश करते रहे हैं.
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि ये पंजाब के हितों से सौदा होगा
शिरोमणि अकाली दल ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी राज्य के अपने नेताओं के अवसरों को खत्म करने के बाद ‘‘बाहरी’’ अरविंद केजरीवाल को पंजाब में थोपने की कोशिश कर रही है. शिअद अध्यक्ष और पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने आरोप लगाया कि अगर राज्य में ‘हरियाणवी’ सत्ता में आता है तो पंजाब के हितों का सौदा होगा और जोर दिया कि वोटर आप के हाथों बेवकूफ नहीं बनेंगे.
उन्होंने यह भी चेताया कि केजरीवाल के ‘केंद्र विरोधी’ रुख से राज्य का केंद्र सरकार के साथ टकराव होगा और इससे उसकी प्रगति बाधित होगी. बादल ने एक बयान में कहा, पर्दाफाश हो चुका है. केजरीवाल दो साल से पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के लिए टकटकी लगाए हुए हैं और अब आखिरकार पार्टी ने उनके रास्ते के सारे अवरोधों को खत्म करते हुए घोषणा कर ही दी है. पंजाब के लोगों से उनपर किसी बाहरी को थोपने का विरोध करने के लिए कहते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा, हम लोग सबसे पहले पंजाबी हैं और अकाली, कांग्रेस और भाजपा समर्थक बाद में. अगर एक बाहरी हमारे राज्य का मुख्यमंत्री बन गया तो हमारा अस्तित्व दांव पर लग जाएगा.
भाजपा ने लगाया भागने का आरोप
वहीं भाजपा ने उन पर शहर से ‘भागने की तैयारी करने’ के लिए निशाना साधा और उनसे चुनावी राज्य में मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा करने या दिल्ली में पद से इस्तीफा देने के लिए कहा. अरविंद केजरीवाल को वस्तुत: उनकी पार्टी ने पंजाब के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर विधानसभा चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबले को नया आयाम दिया.
दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी ने कहा कि घटनाक्रम ने केजरीवाल की सत्ता के प्रति ‘लालच’ को उजागर कर दिया है. तिवारी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, दुर्भाग्य है कि एक आदमी जिसने दिल्ली नहीं छोड़ने का वादा किया था वह अब पंजाब के लोगों को धोखा देने के लिए दो साल में ही दिल्ली की जिम्मेदारी से भाग रहा है.
(इनपुट्स भाषा से भी)
सिसोदिया के बयान के तुरंत बाद कैप्टन अमरिंदर और सुखबीर सिंह बादल ने केजरीवाल पर तीखा हमला बोलते हुए पंजाब के हितों के खिलाफ बताया. खास बात यह है कि पंजाब में AAP के प्रमुख चेहरे को तौर पर पिछले कई महीनों से काम कर रहे भगवंत मान भी कई रैलियों में खुद को सीएम उम्मीदवार के तौर पर पेश करते रहे हैं.
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि ये पंजाब के हितों से सौदा होगा
शिरोमणि अकाली दल ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी राज्य के अपने नेताओं के अवसरों को खत्म करने के बाद ‘‘बाहरी’’ अरविंद केजरीवाल को पंजाब में थोपने की कोशिश कर रही है. शिअद अध्यक्ष और पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने आरोप लगाया कि अगर राज्य में ‘हरियाणवी’ सत्ता में आता है तो पंजाब के हितों का सौदा होगा और जोर दिया कि वोटर आप के हाथों बेवकूफ नहीं बनेंगे.
उन्होंने यह भी चेताया कि केजरीवाल के ‘केंद्र विरोधी’ रुख से राज्य का केंद्र सरकार के साथ टकराव होगा और इससे उसकी प्रगति बाधित होगी. बादल ने एक बयान में कहा, पर्दाफाश हो चुका है. केजरीवाल दो साल से पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के लिए टकटकी लगाए हुए हैं और अब आखिरकार पार्टी ने उनके रास्ते के सारे अवरोधों को खत्म करते हुए घोषणा कर ही दी है. पंजाब के लोगों से उनपर किसी बाहरी को थोपने का विरोध करने के लिए कहते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा, हम लोग सबसे पहले पंजाबी हैं और अकाली, कांग्रेस और भाजपा समर्थक बाद में. अगर एक बाहरी हमारे राज्य का मुख्यमंत्री बन गया तो हमारा अस्तित्व दांव पर लग जाएगा.
भाजपा ने लगाया भागने का आरोप
वहीं भाजपा ने उन पर शहर से ‘भागने की तैयारी करने’ के लिए निशाना साधा और उनसे चुनावी राज्य में मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा करने या दिल्ली में पद से इस्तीफा देने के लिए कहा. अरविंद केजरीवाल को वस्तुत: उनकी पार्टी ने पंजाब के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर विधानसभा चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबले को नया आयाम दिया.
दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी ने कहा कि घटनाक्रम ने केजरीवाल की सत्ता के प्रति ‘लालच’ को उजागर कर दिया है. तिवारी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, दुर्भाग्य है कि एक आदमी जिसने दिल्ली नहीं छोड़ने का वादा किया था वह अब पंजाब के लोगों को धोखा देने के लिए दो साल में ही दिल्ली की जिम्मेदारी से भाग रहा है.
(इनपुट्स भाषा से भी)
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