नगालैंड की राजधानी कोहिमा में हिंसा, सरकारी दफ्तरों को किया आग के हवाले

नगालैंड की राजधानी कोहिमा में हिंसा, सरकारी दफ्तरों को किया आग के हवाले

निकाय चुनाव को लेकर जारी है तनाव

खास बातें

  • पुलिस और भीड़ के बीच हुई झड़पों में दो लोगों की मौत हो गयी थी
  • मंगलवार आधी रात से ही प्रदेश में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी थी
  • कुछ आदिवासी संगठनों ने चुनाव का विरोध करते हुए बंद का आह्वान किया था
कोहिमा:

नगालैंड में शहरी निकाय चुनाव में महिलाओं के आरक्षण की मांग को लेकर कोहिमा में जारी प्रदर्शन गुरुवार को हिंसा में तब्‍दील हो गया. हजारों लोगों ने सचिवालय की तरफ मार्च किया. नगर पालिका परिषद और जिला कमिश्‍नर के दफ्तरों को आग लगा दी गई. अन्‍य सरकारी दफ्तरों में भी तोड़फोड़ की गई और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. सचिवलय की नई इमारत के पास केंद्रीय बलों की तैनाती कर दी गई है.

मंगलवार को नगालैंड के दिमापुर और लोंगलेंग जिलों में पुलिस और भीड़ के बीच हुई झड़पों में दो लोगों की मौत हो गयी थी और कई लोग घायल हो गए थे जबकि लोगों ने सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाया था. उसी दिन कुछ जिलों में शहरी निकाय चुनाव हुए थे, हालांकि निर्वाचन आयोग ने सात शहरी निकायों में होने वाले चुनाव को दो महीने के लिए स्थगित करने के संबंध में सोमवार को ही अधिसूचना जारी की थी.

मंगलवार आधी रात से ही प्रदेश में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी थी. कुछ आदिवासी संगठनों ने चुनाव का विरोध करते हुए जिलों में बंद का आह्वान किया था. उधर नगालैंड ट्राइब्स एक्शन समिति (एनटीएसी) ने शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) चुनाव में संघर्ष में दो युवकों की मौत के बाद मुख्यमंत्री टीआर जेलिआंग और उनकी कैबिनेट का गुरुवार शाम चार बजे तक इस्तीफा मांगा था. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को दिमापुर में पुलिस गोलीमारी में मारे गए दो युवकों के शव बुधवार शाम यहां पहुंचने के बाद यहां लगातार दूसरे दिन भी तनाव बना हुआ है.

एनटीएसी के प्रवक्ता ने बताया कि शवों को मुख्यमंत्री टीआर जेलिआंग और सत्ताधारी पार्टी एनपीएफ के अध्यक्ष डॉ. शुरहोजीलाय घरों के सामने ले जाने की भीड़ की मांग के बाद एनटीएसी ने सरकार के साथ मामला उठाने के लिए एक समिति गठित कर दी. एनटीएसी के प्रवक्ता ने बताया कि समिति का गठन असाधारण आपातकालीन बैठक में किया गया है जो आज यहां अंगामी पब्लिक ऑर्गनाइजेशन (एपीओ) कार्यालय में हुई थी. एनटीएसी कोहिमा ने राजभवन में राज्यपाल पीबी आचार्य की गैर मौजूदगी में दिए गए ज्ञापन में कहा कि स्थिति इसलिए हिंसक हो गई कि मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट ने शहरी स्थानीय निकायों के चुनावों को टालने के लोगों की लोकतांत्रिक मांगो के खिलाफ जाने का फैसला किया.

(इनपुट भाषा से...)


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