विनोद खन्ना चार बार गुरदासपुर से बीजेपी सांसद रहे.(फाइल फोटो)
खास बातें
- विनोद खन्ना को 70 साल की उम्र में हुआ निधन
- 1998 में पहली बार गुरदासपुर से बीजेपी सांसद बने
- अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे
'मेरे अपने', अमर अकबर एंथोनी और 'मुकद्दर का सिकंदर' जैसी कामयाब फिल्मों का हिस्सा रहे विनोद खन्ना ने रील के बाहर रियल जिंदगी में भी अपने जीवन के विभिन्न कालखंडों में अलग-अलग किरदारों को शिद्दत के साथ निभाया. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत फिल्मों से की. उसके बाद आचार्य रजनीश के सान्निध्य में रहे. उन्होंने 1998 में राजनीति में कदम रखा और उसी साल 12वीं लोकसभा चुनावों में पंजाब के गुरदासपुर से पहली बार बीजेपी के टिकट पर संसद पहुंचे. यह सिलसिला लगातार तीन बार चला. 1999 और 2004 के आम चुनावों में भी वह लगातार इसी सीट से जीते. 2002-03 में वह अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केंद्र की बीजेपी सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री और 2003-04 में विदेश राज्यमंत्री रहे. 2009 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा. उसके बाद 2014 में एक बार फिर उन्होंने बीजेपी के टिकट पर गुरदासपुर से चुनाव जीता और इस तरह चौथी बार मौजूदा 16वीं लोकसभा के सदस्य बने. संसद में वह कई कमेटियों के भी सदस्य रहे. एक सितंबर, 2014 से वह रक्षा मामलों पर गठित स्टैंडिग कमेटी के सदस्य थे. इसके अलावा कृषि मंत्रालय की परामर्श कमेटी के भी सदस्य थे.
140 से भी अधिक फिल्मों में विविध किरदार निभाने वाले विनोद खन्ना को सबसे पहले 1974 में हाथ की सफाई फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवार्ड मिला. उसी साल उनको नेशनल यूथ फिल्म अवार्ड भी मिला.
बागवानी के बेहद शौकीन विनोद खन्ना को ध्यान, क्रिकेट, खेल, संगीत, फोटोग्राफी और ड्राइविंग का भी बेहद शौक था. उनको बैडमिंटन खेलने का शौक था. स्कूल और कॉलेज के दिनों में वह खेलों में हिस्सा लेते थे. वह कॉलेज के दिनों में जिमनास्ट और बॉक्सर भी थे.
उल्लेखनीय है गुरुवार को मुंबई के अस्पताल में भर्ती दिग्गज एक्टर विनोद खन्ना का निधन हो गया है.
वह पिछले कुछ समय से कैंसर से जूझ रहे थे. विनोद खन्ना का मुंबई के एचएन रिलायंस अस्पताल में इलाज चल रहा था. हाल ही में उनकी एक फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसके बाद उनके बेटे ने कहा था कि उनकी तबियत अभी ठीक है. विनोद खन्ना भारतीय फिल्मों के दिग्गज अभिनेता रहे हैं.