
अहमदाबाद और गांधीनगर सजे हुए हैं गुरुवार से शुरू हो रहे प्रवासी भारतीय दिवस और फिर रविवार से शुरू हो रहे वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए। लेकिन, अहमदाबाद में बहुत सारे होर्डिंग्स उत्तर प्रदेश सरकार के दिखाई पड़ेंगे, जो उत्तर प्रदेश के विकास की हैं और वहां आकर निवेशकों को निवेश करने का निमंत्रण दिया गया है।
ये देखकर एक बार तो किसी को शक हो जाए कि इस कार्यक्रम को गुजरात सरकार आयोजित करा रही है या फिर उत्तर प्रदेश सरकार। ऐसे में पिछले हफ्ते एयरपोर्ट से बाहर निकलने वाली सड़क से अखिलेश यादव सरकार के करीब 60 पोस्टर अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने हटवा दिए। अब इस बात पर बड़ी राजनीति शुरू हो गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार की गुजरात सरकार को लिखी एक चिट्ठी में कहा गया है कि ये उनके साथ अन्याय हो रहा है। ये भी आरोप लगाया गया कि गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद ये पोस्टर्स हटवाए गए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है की चूंकि प्रवासी भारतीय दिवस केंद्र सरकार आयोजित कर रही है, हर राज्य को अपना प्रचार करने का हक़ है। ऐसे में गुजरात सरकार का रवैया ठीक नहीं है।
दूसरी ओर अहमदाबाद म्युनिसिपल कारपोरेशन ने सफाई दी है कि जो पोस्टर हटाए गए हैं वे गैर-कानूनी तरीके से लगाए गए थे। हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने इसका खंडन किया है और कहा है कि सभी पोस्टर पूरी प्रक्रिया के बाद ही लगाए गए थे।
ऐसा लग रहा है कि आनेवाले दिनों में उत्तर प्रदेश सरकार इस घटना को केंद्र सरकार द्वारा गैर-भाजपाई राज्य सरकारों के साथ भेदभाव के तौर पर पेश करेगी और केंद्र सरकार के खिलाफ अन्य राज्य सरकारों का मोर्चा बना सकती है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं