वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी का 95 साल की उम्र में निधन, लंबे समय से थे बीमार

राम जेठमलानी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री रहे. यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि साल 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी के ही खिलाफ लखनऊ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था.

खास बातें

  • लंबे समय से थे बीमार
  • रविवार सुबह हुआ निधन
  • पीएम सहित बड़े नेताओं ने जताया दुख
नई दिल्ली:

वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी (Ram Jethmalani) का 95 साल की उम्र में रविवार सुबह दिल्ली स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. जेठमलानी काफी समय से बीमार चल रहे थे. उनका लगातार इलाज चल रहा था. भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें घर जाकर श्रद्धांजलि दी. जेठमलानी के एक बेटे महेश जेठमलानी हैं, वह भी जाने माने वकील हैं. वहीं उनकी एक बेटी अमेरिका में रहती हैं.

उनके बेटे महेश ने बताया कि कुछ दिन बाद 14 सितंबर को राम जेठमलानी का 96वां जन्मदिन आने वाला था. महेश ने बताया कि उनके पिता का अंतिम सरकार यहां लोधी रोड स्थित शवदाहगृह में शाम को किया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी राम जेठमलानी (Ram Jethmalani) के निधन पर दुख जाहिर किया है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राम जेठमलानी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि देश ने असाधारण प्रतिभा के धनी वकील और एक प्रतिष्ठित शख्स को खो दिया जिसने अदालतों और संसद में काफी योगदान दिया. प्रधानमंत्री ने प्रतिष्ठित न्यायविद की सबसे अच्छी खूबी को याद करते हुए कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जेठमलानी में अपने विचारों को रखने की क्षमता थी. उन्होंने कहा, ‘और वह बिना किसी भय के ऐसा करते थे. आपातकाल के बुरे दिनों के दौरान उनके धैर्य और सार्वजनिक स्वतंत्रता के लिए उनकी लड़ाई को याद रखा जाएगा.'

उन्होंने ट्वीट किया, ‘श्री राम जेठमलानी जी के निधन से भारत ने एक असाधारण प्रतिभा के धनी वकील और प्रतिष्ठित व्यक्ति को खो दिया जिसने अदालतों और संसद में काफी योगदान दिया.' पीएम मोदी ने कहा कि जेठमलानी ‘‘हाजिरजवाब, साहसी और किसी भी विषय पर खुद को निडरतापूर्वक अभिव्यक्त करने से न हिचकने वाले व्यक्ति थे.' उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने आप को भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे श्री राम जेठमलानी जी से बातचीत करने के कई अवसर मिले. दुख के इन क्षणों में उनके परिवार, दोस्तों और कई प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. वह बेशक यहां न हो लेकिन मार्ग प्रशस्त करने वाला उनका काम जिंदा रहेगा. ओम शांति.'

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी के निधन पर रविवार को शोक व्यक्त किया. कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री राम जेठमलानी के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं.'

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उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए रविवार को कहा कि देश ने एक बड़े बुद्धिजीवी और देशभक्त को खो दिया है. उपराष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया, ‘राम जेठमलानी के निधन का समाचार सुनकर बहुत दुख हुआ... भारत के बेहतरीन बुद्धिजीवी. उनके निधन से भारत ने एक विशिष्ट न्यायविद, एक बड़े बुद्धिजीवी और एक देशभक्त को खो दिया जो अंतिम सांस तक सक्रिय रहे.'

जेठमलानी का जन्म सिंध प्रांत के सिखारपुर में 14 सितंबर 1923 को हुआ था. उनका पहली बार नाम साल 1959 में केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र सरकार का केस लड़ने के बाद सामने आया था. इसके अलावा उन्होंने राजीव गांधी के हत्यारों के पक्ष में भी केस लड़ा था. वहीं स्कॉट मार्केट घोटाले में हर्षद मेहता और केतर पारेख का केस लड़ा था.

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साल 2010 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया था. इसके अलावा छठी और सातवीं लोकसभा में उन्होंने भाजपा के टिकट पर मुबंई से चुनाव जीता था. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री रहे. यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि साल 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी के ही खिलाफ लखनऊ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था.