यूपी में बारिश से हालात खराब...
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. इलाहाबाद, मिर्ज़ापुर, वाराणसी, महोबा, बांदा के इलाक़े प्रभावित हैं. दो सालों से बूंद-बूंद पानी को तरस रहे बुंदेलखंड का इलाक़ा भी पानी-पानी हो गया है. कई जगहों पर गंगा नदी ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही है. दूसरी नदियां भी उफान पर हैं. इलाहाबाद में गंगा का जलस्तर बढ़ने से रिहाइशी इलाकों में पानी घुस गया है. लोगों को घर से न निकलने के लिए अलर्ट जारी किया गया है. मिर्ज़ापुर में बाढ़ का पानी गांवों में घुस गया है.
ग्रामीण अपने घर के सामान और जानवरों को लेकर सुरक्षित जगह जाने को मजबूर हैं। बाढ़ के कारण खेत डूब चुके है जिले में गंगा खतरे के निशान 77.724 से महज कुछ सेंटीमीटर कम है. बाढ़ का कहर झेल रहे चील्ह इलाके के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. हरिसिंगपुर गांव में तो कई घरों में पानी घुस चुका है.
लोग अपने घरों से सामान निकालकर सुरक्षित जगहों पर जा रहे हैं. हालात यह हैं कि बाढ़ में कोई साधन नहीं मिलने पर गांव के लोग गाड़ी के ट्यूब को सहारा बनाकर अपने घरों का सामान बाढ़ के पानी से बाहर निकाल रहे हैं. पानी बढ़कर सड़कों तक आ गया है, जिससे 60 गांव से अधिक के संपर्क का मार्ग खत्म हो गया है. बाढ़ के कारण गांव के लोगों का एक-दूसरे के साथ संपर्क टूटने का भी खतरा बना हुआ है. इसके साथ ही जिले के कई इलाकों में बाढ़ का कहर जारी है. किसानों का कहना है कि प्रशासन ने कुछ व्यवस्था नहीं की है. सारी फसलें पानी में डूब गई हैं. वे प्रशासन से मदद की गुहार कर रहे हैं, वहीं ग्राम प्रधान प्रशासन से किसानों के लिए मुआवजा मांग रहे हैं.
ग्रामीण अपने घर के सामान और जानवरों को लेकर सुरक्षित जगह जाने को मजबूर हैं। बाढ़ के कारण खेत डूब चुके है जिले में गंगा खतरे के निशान 77.724 से महज कुछ सेंटीमीटर कम है. बाढ़ का कहर झेल रहे चील्ह इलाके के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. हरिसिंगपुर गांव में तो कई घरों में पानी घुस चुका है.
लोग अपने घरों से सामान निकालकर सुरक्षित जगहों पर जा रहे हैं. हालात यह हैं कि बाढ़ में कोई साधन नहीं मिलने पर गांव के लोग गाड़ी के ट्यूब को सहारा बनाकर अपने घरों का सामान बाढ़ के पानी से बाहर निकाल रहे हैं. पानी बढ़कर सड़कों तक आ गया है, जिससे 60 गांव से अधिक के संपर्क का मार्ग खत्म हो गया है. बाढ़ के कारण गांव के लोगों का एक-दूसरे के साथ संपर्क टूटने का भी खतरा बना हुआ है. इसके साथ ही जिले के कई इलाकों में बाढ़ का कहर जारी है. किसानों का कहना है कि प्रशासन ने कुछ व्यवस्था नहीं की है. सारी फसलें पानी में डूब गई हैं. वे प्रशासन से मदद की गुहार कर रहे हैं, वहीं ग्राम प्रधान प्रशासन से किसानों के लिए मुआवजा मांग रहे हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं