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This Article is From Jul 09, 2019

कांग्रेस, तृणमूल सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा को करना पड़ा स्थगित

तृणमूल सदस्यों ने कल भी यह मुद्दा उठाया था और आसन से बोलने की अनुमति न मिलने पर उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया था. नायडू ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील करते हुए कहा कि समय व्यर्थ न करें क्योंकि आज बजट पर चर्चा होनी है.

कांग्रेस, तृणमूल सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा को करना पड़ा स्थगित
फाइल फोटो
नई दिल्ली:

कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम पर कांग्रेस सदस्यों और विनिवेश के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस सदस्यों के हंगामे की वजह से मंगलवार को  राज्यसभा की बैठक शुरू होने के करीब पांच मिनट बाद ही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.  हंगामे की वजह से उच्च सदन (राज्यसभा) में शून्यकाल नहीं हो पाया. गौरतलब है कि कर्नाटक की साल भर पुरानी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार 14 विधायकों के इस्तीफे की वजह से गिरने की कगार पर पहुंच गयी है. कांग्रेस ने भाजपा पर गठबंधन में दरार के लिए उकसाने का आरोप लगाया है. सदन में सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए. इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने कुछ कहना चाहा. सभापति ने उन्हें अपनी बात रखने की अनुमति नहीं दी. उन्होंने कहा कि शून्यकाल स्थगित कर दो मुद्दों पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत उन्हें दो नोटिस मिले हैं. दोनों ही नोटिस उन्होंने अस्वीकार कर दिए हैं. 
 

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सभापति ने कहा कि इनमें से एक नोटिस कांग्रेस सदस्य बी के हरिप्रसाद का है. उन्होंने कर्नाटक मुद्दे पर चर्चा करने के लिए शून्यकाल स्थगित करने का अनुरोध किया है. नायडू ने कहा कि यह नोटिस इसलिए उन्होंने अस्वीकार किया क्योंकि शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य यह मुद्दा उठा सकते हैं. सभापति ने कहा कि दूसरा नोटिस तृणमूल कांग्रेस की दोला बनर्जी का है जिन्होंने विनिवेश के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए शून्यकाल स्थगित करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि जिस मुद्दे पर तृणमूल सदस्य चर्चा करना चाहती हैं उस मुद्दे पर 21 जून को इसी सदन में चर्चा की जा चुकी है. नायडू ने कहा कि जिस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है उस पर एक ही सत्र में दोबारा चर्चा नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि इसीलिए दोला बनर्जी का नोटिस भी उन्होंने अस्वीकार कर दिया है. सभापति ने शून्यकाल आरंभ करने के लिए कहा. लेकिन इसी दौरान कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य अपने-अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा करने लगे. कुछ सदस्य आसन के समक्ष आ कर नारे लगाने लगे.   

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उल्लेखनीय है कि तृणमूल सदस्यों ने कल भी यह मुद्दा उठाया था और आसन से बोलने की अनुमति न मिलने पर उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया था. नायडू ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील करते हुए कहा कि समय व्यर्थ न करें क्योंकि आज बजट पर चर्चा होनी है. उन्होंने कहा कि पिछले 13 दिन उच्च सदन में अच्छी तरह कामकाज हुआ. ‘‘यह सिलसिला जारी रहना चाहिए.''    सभापति ने सदन में व्यवस्था न बनते देख हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा ‘‘आपने तय कर लिया है कि व्यवधान डालेंगे.'' फिर उन्होंने 11 बज कर करीब पांच मिनट पर ही बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इससे पहले, पिछले सप्ताह राज्यसभा के लिए संपन्न उप चुनाव में गुजरात से जीते भाजपा सदस्य जुगलसिंह माथुरसिंह लोखंडवाला को उच्च सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई गई. लोखंडवाला ने हिन्दी में शपथ ली. सदस्यों ने मेजें थपथपा कर उनका स्वागत किया. 

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इनपुट : भाषा
 

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