राहुल मां से पूछें क्‍वात्रोकी केस में कितना पैसा मिला : सुषमा स्‍वराज

राहुल मां से पूछें क्‍वात्रोकी केस में कितना पैसा मिला : सुषमा स्‍वराज

फोटो- भाषण समाप्‍त करने पर आडवाणी ने सुषमा की पीठ थपथपाई...

नई दिल्ली:

लोकसभा में ललित गेट पर चर्चा के दौरान सुषमा स्‍वराज ने विपक्ष के भारी हंगामे के बीच आज अपनी बात रखी। उन्‍होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते कहा, मैंने छिपकर कोई अपराध नहीं किया। अपराध तो राजीव गांधी की सरकार ने किया, जिसने छुप-छुपकर एंडरसन और क्‍वात्रोकी को देश से भगाया। खुद कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह ने इसका जिक्र किया था।

राहुल एकांत में पढ़ें परिवार का इतिहास
उन्‍होंने कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, एकांत में बैठकर राहुल गांधी अपने परिवार का इतिहास पढें। वे अकेले में क्‍वात्रोकी से लेकर शहरयार तक के सारे कारनामे पढें और पूछे मम्‍मा, क्‍वात्रोकी को भगाने के लिए हमने उनसे कितना पैसा लिया था। वो 15 हजार लोगों के हत्‍यारे को भगाने की वजह अपनी मां (सोनिया गांधी) से पूछें।


सुषमा बोलीं, 38 साल से मर्यादा और संयम से राजनीति की
विदेश मंत्री ने कहा, मैंने 38 साल से मर्यादा और संयम से राजनीति की है। 38 साल की मेरी राजनीति तपस्‍या के बराबर है। मेरे दामन पर एक दाग नहीं लगा। क्‍या आज इस पडाव पर मैं अपनी तपस्‍या भंग करूंगी? जब सुषमा स्‍वराज ने अपना भाषण समाप्‍त किया, तो बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता लाल कृष्‍ण आडवाणी ने उनकी पीठ भी थपथपाई।

मैं पहले दिन से स्थिति स्‍पष्‍ट करने की कोशिश में थीं : सुषमा
इससे पहले उन्‍होंने कहा, मैं पहले दिन से कोशिश में हूं कि इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्‍पष्‍ट कर सकूं। विपक्ष के हंगामे पर उन्‍होंने कहा, वही हो रहा है जिसकी हमें शंका थी। मुझे भी बोलने का हक है। मैंने कोई गलत नहीं की। अगर एक भारतीय महिला जो 17 वर्षों से कैंसर से ग्रस्‍त है, किसी अपराध में शामिल नहीं है, उसकी मदद करना गुनाह है तो मैं गुनाह कबूल करती हूं।

'मेरी बेटी ने ललित मोदी केस में एक रुपया नहीं लिया'
सुषमा ने कहा, ललित मोदी को दस्‍तावेज देना मेरी विचारधारा में ही नहीं था। अगर ब्रिटिश सरकार ललित मोदी को वीजा दे देती है तो दोनों देशों के रिश्‍ते बेहतर होंगे, मेरा ध्‍यान केवल इस पर था। मेरे पति ललित मोदी के पासपोर्ट केस में वकील नहीं थे। इस केस में 11 वकील थे। मेरी बेटी नौंवे नंबर की सूची में थी। उसने एक रुपया भी एक केस में नहीं लिया। वह अपने सीनियर के साथ केस में पेश हुई थी। जहां तक मेरे गलती करने का सवाल किया जा रहा है तो पी. चिदंबरम के वित्‍त मंत्री होते हुए उनकी पत्‍नी नलिनी चिदंबरम को इंकम टैक्‍स की तरफ से वकील नियुक्‍त गया, यह गलती होती है।

राजस्‍थान की मदद से ही अर‍बपति बने ललित मोदी : खड़गे
इससे पूर्व इससे पूर्व कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा में ललितगेट मुद्दे पर चर्चा के दौरान सात सवाल उठाते हुए पीएम से इन पर जवाब मांगा। उन्‍होंने विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज और राजस्‍थान की मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा ललित मोदी को मदद किए जाने एवं उससे संबंधित कई मुद्दे सदन में उठाए। खड़गे ने कहा, 2011 में ललित मोदी की यूके में रेजिडेंसी परमिशन में जिन चार लोगों के साइन थे, उनमें वसुधरा राजे भी एक थीं। राजे ने इस मदद की जानकारी भारत सरकार को न दिए जाने की बात भी कही थी। ललित मोदी को राजस्‍थान से ही मदद मिली। राजस्‍थान की मदद से ही वे अर‍बपति बने। खड़गे के इन आरोपों से राजग सांसद बेहद नाराज हो गए। इसके बाद कांग्रेस सांसद भी विरोध करते हुए वेल तक आ गए और हंगामा करने लगे। भारी हंगामे को देख स्‍पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2.45 बजे तक स्‍थगित करनी पड़ी। इससे बाद दोनों पक्षों के बीच जमकर बहस हो गई, जिसके बाद खूब हंगामा हो गया।

बीजेपी सांसद से नाराज सोनिया ने वेल में आकर लगाए नारे
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आज लोकसभा की कार्यवाही के दौरान उस वक्त स्पीकर सुमित्रा महाजन के चेयर की तरफ बड़ी ही तेज़ी से बढ़ीं जब बीजेपी के एक सांसद ने कालेधन के मुद्दे पर सीधे-सीधे सोनिया गांधी पर एक से ज्यादा बार हमला किया। राजस्थान से बीजेपी सांसद सतीश गौतम के आरोपों के बाद गुस्सायीं सोनिया ने स्पीकर की चेयर के पास पहुंचते हुए सांसद से शब्द वापस लेने की मांग की। गौतम ने मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण के दौरान सदन में बार-बार कहा था कि काला धन सोनिया गांधी का है।

PM क्‍यों चुप हैं, लोकसभा में जवाब दें : कांग्रेस
इससे पहले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में कहा, PM क्‍यों चुप हैं। हम चाहते हैं कि पीएम अपनी बात रखें। पीएम को लोकसभा में अपनी बात रखी होगी। संसद का वक्‍त सरकार ने बर्बाद किया। हम पीएम से बहस का जवाब चाहते हैं। उन्‍होंने सवाल उठाते हुए कहा कि ललित मोदी की सुषमा ने मदद करने की कोशिश क्‍यों की। ललित मोदी का पासपोर्ट कैंसिल हो गया था, तो ललित मोदी के खिलाफ अपील क्‍यों नहीं की गई। सरकार इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में क्‍यों नहीं गई। जब ललित मोदी पर 16 केसों के होने की जानकारी थी, तो विदेश मंत्री ने किस आधार पर उसकी मदद करने की कोशिश की। जब मानवता के आधार पर मदद करनी थी, तो कानूनी तौर पर की जाती। ललित मोदी को भारत में आने के लिए कहते। साफ है कि आपके और ललित मोदी के बीच गहरे संबंध थे। उन्‍होंने सुषमा से सवाल करते हुए कहा, आपने जो गलती की, अगर आपको महसूस हुई हो तो नैतिकता के आधार पर इस्‍तीफा दीजिए। उन्‍होंने आगे कहा, क्‍या आप ललित मोदी की मदद करना चाहते थे। आईपीएल में घोटाला करने वाले भगोड़े की आपने मदद क्‍यों की?

दरअसल, लोकसभा स्‍पीकर ने ललित मोदी मुद्दे पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा दिया गया स्‍थगन प्रस्‍ताव मंजूर करते हुए सदन में बहस के लिए ढाई घंटे का वक्‍त दिया था।

पीएम को सदन में बुलाने पर अड़ी कांग्रेस
दरअसल, आज भी लोकसभा की कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई। कांग्रेस ने सदन में कार्यस्‍थगन प्रस्‍ताव रखते हुए ललित मोदी मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज के इस्‍तीफे की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सदन में उपस्थिति की मांग की। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि स्‍थगन प्रस्‍ताव को स्‍वीकार कर पीएम को बुलाया जाए। उनके बिना चर्चा नहीं होगी, क्‍योंकि पीएम नहीं होंगे तो वे कार्रवाई कैसे करेंगे। विरोध कर रहे विपक्षी सांसद स्‍पीकर की सीट तक पहुंच गए थे, जिससे स्‍पीकर एक बार फिर नाराज हुईं।

राज्‍यसभा में भी जबरदस्‍त हंगामा
उधर, राज्‍यसभा में भी विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। यहां विपक्षी सांसदों ने वेल में आते हुए सरकार के खिलाफ ''पूंजीपतियों की सरकार नहीं चलेगी'' के नारे लगाए। उप सभापति ने विपक्ष के हंगामे पर अफसोस जताते हुए इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया और सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्‍थगित कर दी थी। इसके बाद उच्‍च सदन की कार्यवाही स्‍थगित हुई। राज्‍यसभा में आज का दिन बेहद अहम है, क्‍योंकि आज उच्‍च सदन में जीएसटी बिल पर चर्चा होनी है।

सरकार की कोशिश, इसी सत्र में पास हो जीएसटी बिल
दरअसल, मॉनसून सत्र को खत्म होने में बस आज और कल का दिन बचा है। ऐसे में केंद्र सरकार की कोशिश जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स बिल को इसी सत्र में पास कराने की है। मंगलवार को भी यह बिल राज्यसभा में पेश तो हुआ था, लेकिन कांग्रेस के जबरदस्त हंगामे के चलते इस पर चर्चा नहीं हो सकी, जिससे नाराज वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी देश की तरक्की में रुकावट डाल रहे हैं।

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जीएसटी पास होने के आसार दिख रहे हैं कम
वैसे, सदन में विपक्षी पार्टियों के लगातार विरोध के चलते इसके इस सत्र में पास होने के आसार कम दिख रहे है। अगर इस बिल को शीतकालीन सत्र तक खींचा जाएगा तो इसके 1 अप्रैल 2016 से लागू होने के आसार कम ही रह जाएंगे। किसी संविधान संशोधन बिल के सदन में पास होने के लिए कम-से-कम आधे संसद सदस्यों का होना जरूरी है। इसके साथ ही सदन में मौज़ूद सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत की भी आवश्यकता होगी। कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के मूड को देखते हुए ऐसा होना मुश्किल ही लग रहा है। कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों को छोड़ सभी दल इसके समर्थन में हैं। राज्यसभा में मोदी सरकार अल्पमत में है। सरकार को AIADMK का साथ हर हाल में चाहिए, लेकिन वह मौजूदा बिल में बदलाव चाहती है। सरकार ने पिछले सत्र में विपक्ष के मांग की वजह से बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भी भेजा था।