प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी देश पाकिस्तान के पेशावर में एक आर्मी स्कूल पर तालिबानी आतंकियों के हमले की कड़ी निंदा की है। इस हमले में 100 से अधिक छात्रों की मौत हो गई, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
इस कायराना हमले की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बयान जारी कर कहा, स्कूल में छात्रों और अन्य निर्दोष लोगों की जान लेना वाला यह एक ऐसा विवेकहीन बर्बरतापूर्ण कृत्य है, जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। आज जिन लोंगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, मैं उनके साथ हूं। हम उनके दर्द को महसूस करते हैं और उनके प्रति हमारी गहरी संवेदना है।'
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह अमानवीय हमला आतंकवाद के वास्तविक खतरे को उजागर करता है।
सिंह ने एक बयान में कहा, 'मैं पेशावर (पाकिस्तान) के एक स्कूल में आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। यह कायराना और अमानवीय हमला आतंकवाद के वास्तविक चेहरे को उजागर करता है।'
आतंकी हमले के पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि उनकी सहानुभूति उन बच्चों के परिजनों के साथ है जिन्हें पेशावर में आतंकवादियों ने मार गिराया।
इनके अलावा नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने कहा, 'मैं तालिबान से बिनती करता हूं, मुझे ले जाएं और इन बच्चों को छोड़ दें।'
बाल मजदूरी के खिलाफ और बच्चों के अधिकारों के लिए वर्षों से अभियान चला रहे कैलाश सत्यार्थी ने इस घटना प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एनडीटीवी से कहा, 'यह मेरी जिंदगी की सबसे चौंकाने वाली घटना है। ये बच्चे मेरे बच्चे हैं।'
हाल में नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में सत्यार्थी को पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा के लिए आवाज़ बुलंद करने और इस वजह से तालिबान के हमले की शिकार हुई मलाला यूसुफजई के साथ हाल ही संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार के लिए सम्मानित किया गया था।
वहीं मलाला यूसुफजई ने एक बयान में कहा, 'पेशावर में आतंक की इस संवेदनहीन और नृशंस कृत्य से मेरा दिल टूट चुका है।'
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