TRP पत्रकारिता के चक्कर में बड़े-बड़े संस्थान आ गए, सरकार मीडिया की आजादी की पक्षधर : जावड़ेकर

जावड़ेकर ने कहा कि TRP का अनावश्यक बोझ बदलना होगा, हम सेल्फ़ रेगुलेशन में विश्वास करते हैं, सरकार मीडिया पर विश्वास करती है

TRP पत्रकारिता के चक्कर में बड़े-बड़े संस्थान आ गए, सरकार मीडिया की आजादी की पक्षधर : जावड़ेकर

केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने कहा है कि पहले पीत पत्रकारिता, फिर पेड न्यूज़, उसके बाद फेक न्यूज़ और अब TRP पत्रकारिता हो गई है. इसके चक्कर में बड़े-बड़े भले संस्थान आ गए हैं. पहले टैम प्राइवेट संस्था थी जो TRP निकालती थी. फिर बार्क सेल्फ़ रेगुलेशन के लिए आई. लेकिन अब उसके संस्थापक ही उसका विरोध कर रहे हैं. पिछले दो महीने का हाल देखिए कि ये कहां से कहां तक आ गई है. 

जावड़ेकर ने कहा कि TRP का अनावश्यक बोझ बदलना होगा. हम सेल्फ़ रेगुलेशन में विश्वास करते हैं. सरकार मीडिया पर विश्वास करती है. लेकिन सेल्फ़ रेगुलेशन बनाना पड़ेगा. सरकार उसकी आज़ादी पर विश्वास करती है. 

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उन्होंने कहा कि सरकार किसी का अधिकार नहीं हथियाना चाहती.. आज़ादी छीनना नहीं चाहती, लेकिन ज़िम्मेदारी होनी चाहिए और खुद तय करना रेगुलेशन चाहिए.