नई दिल्ली में होने वाली मुख्य गणतंत्र दिवस परेड में राज्यों की झांकियों के चयन को लेकर सोमवार को विवाद पैदा हो गया और तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से बार-बार आग्रह करने के बावजूद पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किया गया।
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओब्रायन ने कोलकाता में कहा, ‘‘गणतंत्र दिवस परेड के लिए बंगाल की झांकी में कन्या श्री योजना का चित्रण था, लेकिन इसे अनुमति नहीं दी गई। हमने कई बार आग्रह किया, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया। लेकिन जिंदगी चलती रहती है।’’
ओब्रायन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और राज्य की झांकी से जुड़े मामले के राजनीतिकरण के लिए पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी की आलोचना की। भगवा पार्टी ने यह भी कहा कि यह तृणमूल कांग्रेस की ‘‘ओछी मानसिकता’’ का मामला है।
भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिंह राव ने कहा, ‘‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि गणतंत्र दिवस के शुभ दिन, राजनीतिक पार्टियां राजनीतिक बयान दे रही हैं।’’ राव ने कहा कि राज्य की झांकियों का चयन एक समिति द्वारा किया जाता है जिसके प्रमुख रक्षा सचिव होते हैं। इसके अलावा कई अन्य विशेषज्ञ भी समिति में होते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह राजनीतिक रूप से लिए जाने वाले फैसले नहीं हैं और इस फैसले के संबंध में कई हफ्ते पहले ही सूचित कर दिया गया था।’’ भाजपा के एक अन्य प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पूर्व ‘‘क्विज मास्टर’’ ओब्रायन पर निशाना साधते हुए कहा कि अब उन्हें ‘‘पोलिटिसाइजिंग मास्टर’’ कहा जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने गणतंत्र दिवस का ‘‘राजनीतिकरण’’ कर दिया है।
केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री महेश शर्मा ने कहा, ‘‘यह (तृणमूल की टिप्पणी) उनकी ओछी मानसिकता को प्रदर्शित करता है।’
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