यह ख़बर 03 मार्च, 2011 को प्रकाशित हुई थी

30 फीसदी सरकारी अनाज हो जाता है चोरी : मंत्री

खास बातें

  • एनडीटीवी से खाद्य मंत्री ने कहा, 'इसकी वजह से सरकार को 20हजार करोड़ का वित्तीय नुकसान होता है। मेरा अनुमान है कि नुकसान इससे ज्यादा ही होगा।'
New Delhi:

ग़रीबों के बीच बांटने के लिए भेजा जाने वाला कम से कम तीस फीसदी अनाज चोरी हो जाता है। देश के खाद्य मंत्री केवी थॉमस का यह कहना है। उनके मुताबिक चोरी अनाज की कीमत बीस हज़ार करोड़ रुपए है। महंगाई के इस दौर में सरकारी राशन की दुकानों में बंटने वाला सस्ता अनाज देश की सबसे गरीब जनता के जीने का एकमात्र सहारा है। लेकिन इन गरीबों के लिए सरकार सस्ते दरों पर जो अनाज मुहैया कराती है उसका तीस फीसदी चोरी हो जाता है। एनडीटीवी से खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने कहा, 'पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम से कम से कम 30 फीसदी तक अनाज की चोरी हो जाता है। इसकी वजह से सरकार को 20हजार करोड़ का वित्तीय नुकसान होता है। मेरा अनुमान है कि नुकसान इससे ज्यादा ही होगा।' थॉमस मानते हैं कि भ्रष्टाचार हर स्तर पर खुलेआम चल रहा है। अनाज की खरीद से लेकर पीडीएस के ज़रिए उसके बांटे जाने तक। थॉमस ने कहा कि केरल में 2 लाख बोगस राशन कार्ड हैं। आंध्र प्रदेश में 10 से 15 लाख राशन कार्ड बोगस हैं। लाखों टन अनाज की चोरी सरकारी अनाज की बरबादी की सिर्फ एक वजह है। लाखों टन और अनाज गोदामों में रखे-रखे भी सड़ जाता है जो दूसरी बड़ी समस्या है।


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