मनोहर पर्रिकर (फाइल फोटो).
पणजी:
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का कहना है कि राजनीतिक दलों को दान देने वालों के नामों का उल्लेख नहीं होना चाहिए. पर्रिकर ने बुधवार को कहा कि राजनीतिक दान अनजान यानी फेसलेस होना चाहिए और उसे दानकर्ता से जोड़ना चाहिए क्योंकि ज्यादा दान देने वाली कंपनियों के साथ विरोधी दल बदले की भावना से पेश आ सकते हैं.
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कालाधन-रोधी दिवस कार्यक्रम के दौरान पर्रिकर मीडिया को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को दान देने वाली कंपनियों को अपराध के गवाह की तरह खतरा बना रहता है. उन्होंने आगे कहा, " इसीलिए मैं मानता हूं कि अगर आप वास्तव में कानूनी ढंग से दान चाहते हैं तो जहां तक दानकर्ता का सवाल है उसे अनजान रखा जाना चाहिए और उसकी पहचान नहीं होनी चाहिए."
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उन्होंने कहा कि इसी तरह राजनीतिक दलों को दिए गए धन से भी प्रतिघात झेलना पड़ सकता है. राजनीतिक दलों के दान को आधार से लिंक किए जाने के मसले पर पर्रिकर ने कहा कि हर चीज की सीमाएं होती हैं. पूर्व रक्षा मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार एक ऐसी स्कीम पर काम कर रही है जिसमें कंपनियां आधिकारिक बांड खरीद सकती हैं और बिना पहचान बताए राजनीतिक दलों को सुपुर्द कर सकती हैं.
(इनपुट आईएएनएस से)
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कालाधन-रोधी दिवस कार्यक्रम के दौरान पर्रिकर मीडिया को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को दान देने वाली कंपनियों को अपराध के गवाह की तरह खतरा बना रहता है. उन्होंने आगे कहा, " इसीलिए मैं मानता हूं कि अगर आप वास्तव में कानूनी ढंग से दान चाहते हैं तो जहां तक दानकर्ता का सवाल है उसे अनजान रखा जाना चाहिए और उसकी पहचान नहीं होनी चाहिए."
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उन्होंने कहा कि इसी तरह राजनीतिक दलों को दिए गए धन से भी प्रतिघात झेलना पड़ सकता है. राजनीतिक दलों के दान को आधार से लिंक किए जाने के मसले पर पर्रिकर ने कहा कि हर चीज की सीमाएं होती हैं. पूर्व रक्षा मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार एक ऐसी स्कीम पर काम कर रही है जिसमें कंपनियां आधिकारिक बांड खरीद सकती हैं और बिना पहचान बताए राजनीतिक दलों को सुपुर्द कर सकती हैं.
(इनपुट आईएएनएस से)
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