नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) तेजिंदर सिंह द्वारा सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह और चार अन्य के खिलाफ दायर किये गये आपराधिक मानहानि के मुकदमे का संज्ञान लिया।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुदेश कुमार ने उनकी और उनके वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल सिंह की शिकायत पर संज्ञान लिया और इस मामले में सम्मन पूर्व साक्ष्यों को रिकार्ड करने के लिये 10 अप्रैल की तिथि निर्धारित की।
मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘मैंने दलीलों को सुन लिया है। मैं संज्ञान लिया है। सम्मन पूर्व सबूतों को रिकार्ड करने के लिये 10 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है।’ पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने अपनी शिकायत में सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह के अलावा थलसेना के उपाध्यक्ष एस के सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल बी एस ठाकुर (डीजी एमआई), मेजर जनरल एस एल नरसिंहन (जनसूचना के अतिरिक्त महानिदेशक) और लेफ्टिनेंट कर्नल हितेन साहनी का नाम लिया है।
उन्होंने इन अधिकारियों पर उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिये आधिकारिक स्थिति, शक्ति और प्राधिकार के दुरूपयोग का आरोप लगाया। सुनवाई के दौरान तेजिंदर सिंह ने कहा कि एक मार्च से चार मार्च के बीच बड़ी संख्या में मीडिया में खबरें आई थी कि जिसमें कुछ अधिकारियों के फोन काल की अवैध ‘ऑफ द एयर’ निगरानी के बारे में बताया गया था। उन्होंने कहा कि पांच मार्च को सेना भवन के मीडिया प्रकोष्ठ ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी और उनका नाम लेकर कई गंभीर आरोप लगाये थे।
तेजिंदर ने कहा कि मुंबई के आदर्श सोसाइटी मामले में उनके खिलाफ कोई जांच या प्राथमिकी नहीं दर्ज की गई है। इस सोसाइटी में एक फ्लैट उनका भी है। पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल तेजेंदर सिंह ने अपने खिलाफ लगाये गये सभी आरोपों को खारिज कर दिया। तेजेंदर के वकील अनिल अग्रवाल और एस एम पांडे ने अदालत से कहा कि उनके मुअवक्किल के खिलाफ लगाये गये सभी आरोप आधारहीन और उनकी छवि खराब करने के इरादे से है।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुदेश कुमार ने उनकी और उनके वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल सिंह की शिकायत पर संज्ञान लिया और इस मामले में सम्मन पूर्व साक्ष्यों को रिकार्ड करने के लिये 10 अप्रैल की तिथि निर्धारित की।
मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘मैंने दलीलों को सुन लिया है। मैं संज्ञान लिया है। सम्मन पूर्व सबूतों को रिकार्ड करने के लिये 10 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है।’ पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने अपनी शिकायत में सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह के अलावा थलसेना के उपाध्यक्ष एस के सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल बी एस ठाकुर (डीजी एमआई), मेजर जनरल एस एल नरसिंहन (जनसूचना के अतिरिक्त महानिदेशक) और लेफ्टिनेंट कर्नल हितेन साहनी का नाम लिया है।
उन्होंने इन अधिकारियों पर उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिये आधिकारिक स्थिति, शक्ति और प्राधिकार के दुरूपयोग का आरोप लगाया। सुनवाई के दौरान तेजिंदर सिंह ने कहा कि एक मार्च से चार मार्च के बीच बड़ी संख्या में मीडिया में खबरें आई थी कि जिसमें कुछ अधिकारियों के फोन काल की अवैध ‘ऑफ द एयर’ निगरानी के बारे में बताया गया था। उन्होंने कहा कि पांच मार्च को सेना भवन के मीडिया प्रकोष्ठ ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी और उनका नाम लेकर कई गंभीर आरोप लगाये थे।
तेजिंदर ने कहा कि मुंबई के आदर्श सोसाइटी मामले में उनके खिलाफ कोई जांच या प्राथमिकी नहीं दर्ज की गई है। इस सोसाइटी में एक फ्लैट उनका भी है। पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल तेजेंदर सिंह ने अपने खिलाफ लगाये गये सभी आरोपों को खारिज कर दिया। तेजेंदर के वकील अनिल अग्रवाल और एस एम पांडे ने अदालत से कहा कि उनके मुअवक्किल के खिलाफ लगाये गये सभी आरोप आधारहीन और उनकी छवि खराब करने के इरादे से है।
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