मुंबई:
महाराष्ट्र के जालना जिले में पुलिस पर आरोप है कि उसने रेप की शिकार एक नाबालिग लड़की का इस्तेमाल कर गैंगरेप के आरोपियों को पकड़ने की दो बार नाकाम कोशिश की और इसी दौरान में वह लड़की एक बार फिर गैंगरेप का शिकार हो गई। इस बात की पुष्टि महाराष्ट्र पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने की है।
औरंगाबाद के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस विश्वास पाटिल के अनुसार, सभी आरोपियों को रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया है और अब वे पुलिस की गिरफ्त में हैं, आरोपियों ने अपना गुनाह़ कबूल कर लिया है।
पुलिस की असफलता
विश्वास पाटिल के अनुसार, ‘हमने 8 जुलाई को उन आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था, लेकिन पुलिस की गाड़ी काफी नजदीक होने के बावजूद हम उन्हें पकड़ने में असफल रहे। इसके बाद 9 जुलाई को हमने एक बार फिर से आरोपियों को पकड़ने की योजना बनाई, लेकिन वह भी फेल हुआ और नाबालिग लड़की को एक बार फिर गैंगरेप का शिकार होना पड़ा।’
विश्वास पाटिल ने कहा, ‘एक रेप पीड़ित को इस तरह इस्तेमाल करना गलत है, खासकर अगर वह नाबालिग है।’
पुलिस को शर्मिंदा करने वाली इस योजना को बनाने वाले असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर विनोद को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और अगले 20 दिनों में इसकी रिपोर्ट आने की संभावना है।
हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने इस पर बड़ी ही नपी-तुली प्रतिक्रिया देने की कोशिश की है। महाराष्ट्र के मुख़्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अनुसार, ‘इस केस के तथ्य अलग-अलग हैं, पुलिस अधीक्षक इस मामले में जल्द सफाई देंगे।’
पुलिस ने बिछाया जाल
इस नाबालिग लड़की के साथ 7 जुलाई को उस वक्त़ रेप हुआ जब वह अपने एक फेसबुक फ्रेंड से मिलने पहुंची। आरोपियों ने रेप की घटना को लड़की के मोबाइल फोन में भी रिकॉर्ड कर लिया और उसका इस्तेमाल कर कथित रुप से लड़की को धमकी देने और ब्लैकमेल करने की भी कोशिश की।
9 जुलाई को लड़की के साथ एक बार फिर तब रेप किया गया जब उसे पुलिस ने घटनास्थल पर दोबारा एक योजना के तहत उन आरोपियों से मिलने भेजा।
हालांकि इस घटना के बाद मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने दलील दी कि 9 जुलाई को जब इस लड़की को योजना के तहत उन आरोपियों से मिलने के लिए भेजा जाना था, तब लड़की पुलिस को बग़ैर बताए वहां चली गई थी।
पुलिस सूत्र के अनुसार, लड़की की प्राथमिक मेडिकल जांच से ये तय नहीं हो पाया है कि उसके साथ 7 जुलाई को रेप हुआ था या नहीं। पुलिस अब विस्तृत रिपोर्ट का इंतज़ार कर रही है।
औरंगाबाद के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस विश्वास पाटिल के अनुसार, सभी आरोपियों को रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया है और अब वे पुलिस की गिरफ्त में हैं, आरोपियों ने अपना गुनाह़ कबूल कर लिया है।
पुलिस की असफलता
विश्वास पाटिल के अनुसार, ‘हमने 8 जुलाई को उन आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था, लेकिन पुलिस की गाड़ी काफी नजदीक होने के बावजूद हम उन्हें पकड़ने में असफल रहे। इसके बाद 9 जुलाई को हमने एक बार फिर से आरोपियों को पकड़ने की योजना बनाई, लेकिन वह भी फेल हुआ और नाबालिग लड़की को एक बार फिर गैंगरेप का शिकार होना पड़ा।’
विश्वास पाटिल ने कहा, ‘एक रेप पीड़ित को इस तरह इस्तेमाल करना गलत है, खासकर अगर वह नाबालिग है।’
पुलिस को शर्मिंदा करने वाली इस योजना को बनाने वाले असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर विनोद को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और अगले 20 दिनों में इसकी रिपोर्ट आने की संभावना है।
हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने इस पर बड़ी ही नपी-तुली प्रतिक्रिया देने की कोशिश की है। महाराष्ट्र के मुख़्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अनुसार, ‘इस केस के तथ्य अलग-अलग हैं, पुलिस अधीक्षक इस मामले में जल्द सफाई देंगे।’
पुलिस ने बिछाया जाल
इस नाबालिग लड़की के साथ 7 जुलाई को उस वक्त़ रेप हुआ जब वह अपने एक फेसबुक फ्रेंड से मिलने पहुंची। आरोपियों ने रेप की घटना को लड़की के मोबाइल फोन में भी रिकॉर्ड कर लिया और उसका इस्तेमाल कर कथित रुप से लड़की को धमकी देने और ब्लैकमेल करने की भी कोशिश की।
9 जुलाई को लड़की के साथ एक बार फिर तब रेप किया गया जब उसे पुलिस ने घटनास्थल पर दोबारा एक योजना के तहत उन आरोपियों से मिलने भेजा।
हालांकि इस घटना के बाद मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने दलील दी कि 9 जुलाई को जब इस लड़की को योजना के तहत उन आरोपियों से मिलने के लिए भेजा जाना था, तब लड़की पुलिस को बग़ैर बताए वहां चली गई थी।
पुलिस सूत्र के अनुसार, लड़की की प्राथमिक मेडिकल जांच से ये तय नहीं हो पाया है कि उसके साथ 7 जुलाई को रेप हुआ था या नहीं। पुलिस अब विस्तृत रिपोर्ट का इंतज़ार कर रही है।
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