विज्ञापन
This Article is From Aug 19, 2021

तालिबान का 'शातिर' खेल, अफगान-पाकिस्‍तान लैंड ट्रांज़िट रूट पर रोकी कार्गो सप्‍लाई, भारत नहीं पहुंच रहे ड्राई फ्रूट

फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्ट्स आर्गेनाइजेशन के CEO अजय सहाय के मुताबिक, भारतअपनी ज़रुरत का  85% ड्राई फ्रूट्स अफ़ग़ानिस्तान से आयात करता है  और इनकी सप्लाई रुकने से भारत में ड्राई फ्रूट्स महंगे हो सकते हैं.

तालिबान का 'शातिर' खेल, अफगान-पाकिस्‍तान लैंड ट्रांज़िट रूट पर रोकी कार्गो सप्‍लाई, भारत नहीं पहुंच रहे ड्राई फ्रूट
तालिबान के अफगानिस्‍तान पर कब्‍जे के बाद लोगों में दहशत व्‍याप्‍त है (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली:

अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता पर कब्ज़ा करने के बाद तालिबान ने अफ़ग़ान-पाकिस्तान लैंड ट्रांजिट रूट पर कार्गो की सप्लाई पूरी तरह से बंद कर दी है, इस वजह से अफ़ग़ानिस्तान से पाकिस्तान ट्रांजिट रूट के ज़रिये भारत पहुंचने वाला सामानों का आयात रुक गया है. उधर उद्योग संघ फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्‍ट्री (FICCI)ने कहा है कि अफगानिस्तान में भारतीय कंपनियों के 400 से ज्यादा प्रोजेक्ट चल रहे हैं. भारतने  जो 3 अरब डॉलर का निवेश वहां किया है, उसको सुरक्षित करने के लिए सरकार को जल्दी पहल करनी होगी.अफ़ग़ानिस्तान में भारतीय कंपनियों के 400 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स और अरबों डॉलर निवेश के भविष्य पर भी तालिबानी के आगमन से सवालिया निशान लग गया है.

अफगान स्वतंत्रता दिवस रैली में भगदड़, तालिबान की फायरिंग में कई लोगों की मौत

फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्ट्स आर्गेनाइजेशन के CEO अजय सहाय के मुताबिक, भारत अपनी ज़रुरत का  85% ड्रा फ्रूट्स अफ़ग़ानिस्तान से आयात करता है  और इनकी सप्लाई रुकने से भारत में ड्राई फ्रूट्स महंगे हो सकते हैं. साल 2020-21 में भारत और अफ़ग़ानिस्तान के बीच टोटल ट्रेड 1.35 अरब डॉलर का रहा. उधर, फिक्की के सेक्रेटरी जनरल दिलीप चेनॉय ने NDTV से बातचीत में कहा कि अफगानिस्तान में भारतीय निवेश को सुरक्षित रखने के लिए सरकार को वहां बनने वाली  नई सरकार से बातचीत करनी होगी. उन्‍होंने कहा, 'अफगानिस्तान में भारतीय कंपनियों के 400 से ज्यादा प्रोजेक्ट चल रहे हैं. भारत की ओर से तीन अरब डॉलर का निवेश जोअफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था में है, उसे कैसे सुरक्षित रखा जाए यह बेहद महत्वपूर्ण है.कुछ प्रोजेक्ट है जिन पर अभी काम चल रहा है. इन प्रोजेक्‍ट को कैसे पूरा किया जाए और जो प्रोजेक्ट तैयार हो चुके हैं उन्हें कैसे जारी रखा जाए, इसके लिए ननईरणनीति बनानी होगी". 
 

तालिबान के खिलाफ एकजुट हो रहे विरोधी, अहमद मसूद बोले-हमारे मुजाहिदीन संघर्ष को तैयार

ज़ाहिर है, भारत के सामने चुनौती अफ़ग़ानिस्तान में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकलने और अपने सामरिक हितों की सुरक्षा के  साथ आर्थिक हितों को भी सुरक्षित रखने की है. अफ़ग़ानिस्तान में सरकार और भारतीय कंपनियों के 400 से अधिक प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं. तालिबान के टेकओवर के बाद अफ़ग़ानिस्तान की अर्थव्यवस्था में भारतीय निवेश की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में अफ़ग़ानिस्तान में भारत के आर्थिक हितों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार को उद्योग जगत के साथ मिलकर जल्दी नई रणनीति बनानी होगी. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: