PMC Bank Scam: पंजाब एंड महाराष्ट्र कोपरेटिव बैंक के प्रंबंध निदेशक जॉय थॉमस को पुलिस ने खोज निकाला है. थॉमस की तलाशी कई दिनों से चल रही थी. इसके अलावा मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की एफआईआर के अधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को छह अलग-अलग जगहों पर छापे मारे हैं. पुराने चेयरमैन और एचडीआईएल के प्रमोटरों से संबंधित ठिकानों पर छापे मारे गए. आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में गिरफ्तार राकेश कुमार वाधवा और सारंग वाधवा को पुलिस हिरासत में लिया है. राकेश वाधवा हाउसिंह डेवलपमेंट इंफ्रा लिमिटेड के चेयरमैन है. इसी बैंक को पंजाब एंड महाराष्ट्र कोपरेटिव बैंक ने सैकड़ों करोड़ का लोन दिया था. यही नहीं 23 सितंबर को जब रिज़र्व बैंक ने रोक लगाई थी तो उसके पहले के 5 दिनों में बैंक से 3200 करोड़ निकाले गए थे. यानी किसी को पता था कि बैंक डूबने जा रहा है. इसी संदर्भ बिजनेस टुडे में खबर छपी है कि मुंबई पुलिस ने पता लगाया है कि पीएमसी बैंक के अधिकारियों ने हाउसिंह डेवलपमेंट इंफ्रा लिमिटेड के आला अधिकारियों के पर्सनल खाते में 2000 करोड़ तक ट्रांसफर किए थे. ज़ाहिर है यह किसी घोटाले से कम नहीं है.
पीएमसी बैंक के प्रबंध निदेशक ज़ॉय थॉमस ने बताया था कि बैंक ने एचडीआईएल ग्रुप की कंपनियों को 2500 करोड़ का लोन दिया गया था. इसमें से 11 कंपनियों का पता चला है जिन्हें 1658 करोड़ का लोन दिया गया है. हालांकि मीडिया में यह भी चल रहा है कि पीएमसी बैंक ने इस ग्रुप को 6500 करोड़ लोन दिए थे. ज़्यादातर पैसा 2017 के साल में दिया गया. 17 सितंबर को एक व्हीसल ब्लोअर ने रिज़र्व बैंक को पत्र लिखा था कि बैंक में भारी धांधली हो रही है. 2017 में यूनियन बैंक आफ इंडिया ने एचडीआईएल को कोर्ट में घसीटा था, बैंकरप्सी मामले में, उस साल पीएमसी बैंक का सैकड़ों करोड़ लोन दिया गया. यह सारा घपला खुलेआम चल रहा था. आखिर किसी की नज़र क्यों नहीं पड़ी. क्या ये पैसा रिकवर होगा. जॉय थामस ने कहा है कि बैंक के चेयरमैन को पता था कि बैंक ध्वस्त होने के कगार पर है. एचडीआईएल के प्रमुख ने बैंक को डूबो देने की धमकी दी थी. आज जब भारतीय रिज़र्व बैंक रेपो रेट को लेकर प्रेस कांफ्रेंस कर रहा था तब पीएमसी बैंक को लेकर सवालों की झड़ी लग गई.
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इस प्रेस कांफ्रेंस में रिजर्व बैंक के गर्वनर ने कहा कि रिजर्व बैंक किसी भी कोपरेटिव बैंक को नहीं डूबने देगा. रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक के मामले में तेज़ी से कारर्वाई की है. इस बैंक की निगरानी के लिए एक अलग से विभाग ही बनाया जा रहा है. अफसरों का काडर बनाया गया है जो पीएमसी बैंक के मामलों को देखेंगे. गवर्नर शक्ति कांत दास ने कहा कि देश के बैंक सुरक्षित हैं, स्थायी हैं, घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है. रिज़र्व बैंक सभी कोपरेटिव बैंकों की समीक्षा भी करेगा. ज़रूरत पड़ी तो सरकार से भी बात करेगा. 3 अक्तूबर को रिज़र्व बैंक ने पीएमसी के खाताधारकों को 25,000 तक निकालने की छूट दे दी थी. पहले यह सीमा 10000 थी.
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