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This Article is From Feb 14, 2017

सुप्रीम कोर्ट में शशिकला को सजा के लिए ये 12 तथ्य बने अहम कारण

सुप्रीम कोर्ट में शशिकला को सजा के लिए ये 12 तथ्य बने अहम कारण
शशिकला को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिया....
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में तमिलनाडु में सीएम पद की दावेदार बताई जा रहीं शशिकला को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को चार साल कैद की सजा भी सुनाई है. शशिकला पर 10 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया है.
  1. शशिकला पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 570 पेज का है. कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा छानबीन किए गए आयकर संबंधी दस्तावेजों की अलग से जांच नहीं की बल्कि सिर्फ बचाव पक्ष के आयकर रिटर्न के कागजातों पर गौर किया.
  2. हाईकोर्ट इस केस से जुड़े अहम सबूतों पर गौर करने में नाकाम रहा.
  3. शशिकला और बाकी लोग ये साबित करने में नाकाम रहे कि ये संपत्ति कानूनी तरीके से कमाई गई.
  4. 12 कंपनियों के बैंक खातों से जो लेनदेन हुआ उससे साफ है कि ये गैरकानूनी तरीके से कमाया पैसा था
  5. 1991 में इन सभी की कुल संपत्ति 2.1 करोड़ थी जबकि 1996 में यह बढ़कर 66.44 करोड़ हो गई. यानी 64 करोड़ से ज्यादा.
  6. हाईकोर्ट ने इस मामले में आय से अधिक संपत्ति के लिए अंकगणित की गलत गणना की.
  7. ट्रायल कोर्ट का यह फैसला सही है कि किसी सामान्य व्यक्ति पर भी अपराध के लिए उकसाने के लिए भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत कारवाई की जा सकती है.
  8. दोषियों ने बैंको में 50 अकाउंट खुलवाए और बड़े पैमाने पर बेहिसाब पैसा जमा करवाया, ये सब पैसा भेजने का एक ही सेंटर था - 36 पायस गार्डन, चेन्नई
  9. ट्रायल कोर्ट का यह कहना भी ठीक है कि दोषियों ने बड़े पैमाने पर कम कीमत पर विवादित और लोगों पर दबाव बनाकर अचल संपत्ति खरीदी. कई बार सरकारी नियमों का उल्लंघन किया गया और मुख्यमंत्री आवास पर ही रजिस्ट्री तैयार की गई.
  10. शशिकला जयललिता के साथ पोयस गार्डन में ही रहती थी ताकि वह जया की संपति को कब्जा सकें. शशिकला और दो अन्य एक साथ मिल गए और जयललिता के दिए फंड से बड़ी मात्रा में जमीन अधिग्रहित की, इससे साफ है कि ये तीनों पोयस गार्डन में दोस्ती परोपकार के लिए नहीं बल्कि जया की संपत्ति हड़पने की साजिश थी.
  11. भले ही जयललिता के खिलाफ अपील को बंद कर दिया गया हो, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने एक तरह इस मामले में उन्हें दोषी करार दे दिया है. शशिकला पर भी गंभीर  चार्ज लगाए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि  जयललिता, शशिकला और दो अन्य ने साजिश रची और आगे जयललिता ने पब्लिक सर्वेट होने के तहत आय से अधिक संपत्ति अर्जित की और शशिकला व अन्य दो को भी बांटी. जयललिता के अकाउंट से शशिकला के अकाउंट में फंड ट्रांसफर करना ये साबित करता है कि इस मामले में चारों सामूहिक रूप से शामिल हैं. इस मामले में ये स्वीकार नहीं किया जा सकता कि जयललिता इस पूरे मामले से अंजान रहीं.
     
  12. शशिकला, सुधाकरण और इलावरसी इस साजिश में पूरी तरह से शामिल रहे और जया के काले धन को वैध करने में लगे रहे.
1991-1996 के बीच जयललिता के मुख्यमंत्री रहते समय आय से अधिक 66 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने के मामले में  सितंबर 2014 में बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट ने जयललिता, शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को चार साल की सजा और 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. इस मामले में शशिशकला को उकसाने और साजिश रचने की दोषी करार दिया गया था. लेकिन मई, 2015 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने जयललिता और शशिकला समेत सभी को बरी कर दिया था. इसके बाद कर्नाटक सरकार, डीएमके और सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी

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